भारतीय व्यंजन परंपरा में हर राज्य की अपनी एक खास पहचान होती है। गुजराती खाना अपने संतुलित स्वाद, कम तेल-मसाले और पौष्टिकता के लिए जाना जाता है। इन्हीं खास व्यंजनों में से एक है — गुजराती खट्टा मूग। यह न केवल स्वाद से भरपूर है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी है। इसमें मूंग की पौष्टिकता के साथ इमली की खटास और मसालों का सही संतुलन इसे खास बनाता है।

क्या है खट्टा मूग?
खट्टा मूग एक पारंपरिक गुजराती डिश है जो छिलके वाले मूंग से बनाई जाती है। यह हल्का, सुपाच्य और स्वादिष्ट होता है। यह खासतौर पर बारिश के मौसम में या हल्की भूख में खाने के लिए आदर्श है। साथ में रोटी, चावल या खाखरा के साथ इसका स्वाद और भी निखर जाता है।
सामग्री की बात करें तो…
- छिलके वाली मूंग दाल – 1 कप
- टमाटर पेस्ट – ¾ कप
- अदरक-हरी मिर्च पेस्ट – 1 छोटा चम्मच
- हींग – चुटकी भर
- राई – 1 छोटा चम्मच
- करी पत्ते – 8-10
- लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटा चम्मच
- हल्दी – ¼ छोटा चम्मच
- धनिया पाउडर – ½ छोटा चम्मच
- गुड़ – स्वादानुसार
- इमली का रस – ¼ कप
- नमक – स्वादानुसार
- तेल – 1 टेबल स्पून
- ताजा धनिया – सजाने के लिए
बनाने की विधि:
- मूंग को पहले अच्छे से धोकर 4–6 घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
- फिर पानी निथार कर मूंग को थोड़ा उबाल लें ताकि वह नरम हो जाए लेकिन टूटे नहीं।
- अब एक कढ़ाई में तेल गरम करें, उसमें राई, हींग और करी पत्ते का तड़का लगाएं।
- इसके बाद अदरक-हरी मिर्च पेस्ट डालकर हल्का भूनें।
- अब इसमें टमाटर पेस्ट, हल्दी, मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर डालकर अच्छे से मिलाएं और तब तक भूनें जब तक तेल अलग न हो जाए।
- अब उबली हुई मूंग, गुड़, इमली का रस और नमक डालकर 5–7 मिनट मध्यम आंच पर पकाएं ताकि सारे स्वाद मूंग में अच्छे से समा जाएं।
- अंत में हरा धनिया डालकर गर्मागर्म परोसें।
सेहत से भरपूर:

मूंग दाल प्रोटीन से भरपूर होती है और पचने में हल्की होती है। इमली और गुड़ पाचन को बेहतर बनाते हैं। मसाले शरीर में गर्मी बनाए रखते हैं, जो खासकर बरसात और सर्दी के मौसम में फायदेमंद होते हैं।
कब और कैसे परोसें?
गुजराती खट्टा मूग को आप दोपहर या रात के खाने में सादे चावल, ज्वार-रोटी, बाजरे की रोटी या खिचिया के साथ परोस सकते हैं। यह डिश उपवास के अगले दिन या लाइट डिनर के रूप में भी आदर्श मानी जाती है।
अंत में एक सुझाव:
इस डिश को बनाते समय ध्यान रखें कि मूंग को ज्यादा न पकाएं वरना वह गाढ़ा हो जाएगा और उसका स्वाद भी बदल सकता है। थोड़ा पतला और हल्का रखना ही इसकी असली खूबी है।
तो अगली बार जब कुछ हल्का-फुल्का, पौष्टिक और चटपटा खाने का मन हो, तो गुजराती खट्टा मूग जरूर ट्राय करें — स्वाद भी और सेहत भी।