डायबिटीज़ के रोगियों के लिए लाभदायक 4 योगासन – सेहत की कुंजी योग


परिचय:

डायबिटीज़ आज एक आम लेकिन खतरनाक जीवनशैली रोग बन चुका है, जो शरीर के साथ-साथ मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करता है।
लगातार दवाइयों पर निर्भर रहने की बजाय, यदि हम अपनी दिनचर्या में योग और प्राणायाम को शामिल करें, तो इस बीमारी को नियंत्रित और काबू में रखा जा सकता है।
योग सिर्फ एक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पद्धति है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने, मानसिक तनाव को कम करने और शरीर को सक्रिय बनाए रखने में अत्यंत सहायक सिद्ध होता है।


यहाँ हम जानेंगे चार ऐसे योगासन, जो विशेष रूप से डायबिटीज़ के रोगियों के लिए लाभकारी माने जाते हैं:


1. अर्धमत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)

करने की विधि:

  • दण्डासन में बैठ जाएँ, पैर सीधे और सामने।
  • बायाँ पैर मोड़कर दाहिने घुटने के बाहर ज़मीन पर रखें और दायाँ पैर मोड़कर बाएँ नितंब के पास ले जाएँ।
  • दाहिनी कोहनी से बाएं घुटने को स्पर्श करें और शरीर को बाईं ओर मोड़ते हुए पीछे देखें।
  • इसी स्थिति में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें और फिर दूसरी दिशा में दोहराएं।

लाभ:

  • यह आसन पाचन क्रिया को सक्रिय करता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
  • यह लीवर और अग्न्याशय (Pancreas) को सक्रिय करता है और इंसुलिन के स्तर को बेहतर बनाता है।

2. मंडूकासन (Mandukasana)

करने की विधि:

  • वज्रासन में बैठ जाएँ।
  • दोनों मुट्ठियाँ बनाकर नाभि के पास रखें और पेट को अंदर की ओर दबाएँ।
  • सांस रोककर शरीर को आगे की ओर झुकाएं।
  • 1 मिनट तक इस मुद्रा में रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।

लाभ:

  • यह अग्न्याशय (Pancreas) को उत्तेजित करता है और इंसुलिन की क्रियाशीलता को बढ़ाता है।
  • पेट की चर्बी को कम करने और पाचन तंत्र को मज़बूत बनाने में भी मदद करता है।

3. सर्वांगासन (Sarvangasana)

करने की विधि:

  • पीठ के बल लेट जाएँ और धीरे-धीरे दोनों पैरों और कमर को ऊपर उठाएँ।
  • दोनों कोहनियों को ज़मीन पर टिकाकर कमर को सहारा दें।
  • ठुड्डी को छाती से स्पर्श कराने की कोशिश करें।
  • इस मुद्रा में 3–5 मिनट तक रहें और फिर धीरे-धीरे नीचे आएं।

लाभ:

  • यह आसन थायरॉइड ग्रंथि पर सीधा प्रभाव डालता है जिससे हार्मोन संतुलित होते हैं।
  • शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और मेटाबोलिज़्म तेज़ होता है।

4. प्राणायाम (Anulom-Vilom)

करने की विधि:

  • सुखासन में बैठकर रीढ़ सीधी रखें।
  • दाएँ नथुने से सांस लें, बाएँ से छोड़ें।
  • फिर बाएँ से लें और दाएँ से छोड़ें।
  • इस प्रक्रिया को 10–15 मिनट तक दोहराएं।

लाभ:

  • यह मानसिक तनाव को दूर करता है, जिससे डायबिटीज़ पर नियंत्रण बनता है।
  • फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है और श्वसन तंत्र मज़बूत होता है।
  • शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर होती है, जिससे सेल्स सक्रिय होते हैं।

निष्कर्ष:

डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के लिए दवाओं के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव आवश्यक है। योग और प्राणायाम से न केवल शरीर बल्कि मन भी स्वस्थ रहता है।
उपरोक्त चार योगासन यदि नियमित रूप से किए जाएँ तो यह ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने, पाचन सुधारने और मानसिक तनाव को कम करने में अत्यंत प्रभावी साबित हो सकते हैं।


⚠️ सावधानी:

कोई भी योगाभ्यास शुरू करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें, खासकर यदि आप पहले से किसी दवा या चिकित्सीय इलाज में हैं।


स्वस्थ रहें, योग से जुड़े रहें।

आपका शरीर ही आपकी असली संपत्ति है – उसकी रक्षा करें।

Leave a Comment