मक्कासर (हनुमानगढ़)बाढ़ का कहर : 4 दिन बाद भी डूबे 100+ घर, 600+ लोग बेघर – राहत कैंपों में ज़िंदगी की जंग, प्रशासन से मदद की गुहार

भारी बारिश और नदी-नालों में उफान के कारण राजस्थान का गाँव मक्कासर (हनुमानगढ़) इन दिनों बाढ़ की चपेट में है। पिछले 4 दिनों से गाँव में पानी भरा हुआ है और हालात इतने बिगड़े हुए हैं कि 100 से ज्यादा घर पूरी तरह डूब चुके हैं। करीब 600 से ज्यादा लोग अपना घर छोड़कर राहत कैंपों में रहने को मजबूर हैं।


बाढ़ का कहर: गाँव डूबा, घर बर्बाद

 मक्कासर (हनुमानगढ़)बाढ़ का कहर : 4 दिन बाद भी डूबे 100+ घर, 600+ लोग बेघर – राहत कैंपों में ज़िंदगी की जंग, प्रशासन से मदद की गुहार
मक्कासर (हनुमानगढ़)बाढ़ का कहर : 4 दिन बाद भी डूबे 100+ घर, 600+ लोग बेघर – राहत कैंपों में ज़िंदगी की जंग, प्रशासन से मदद की गुहार

गाँव की स्थिति

  • भारी बारिश के चलते Makkasar (Hanumangarh)गाँव में पानी का स्तर लगातार बढ़ता गया।
  • 100+ घरों में पानी भर गया, जिससे लोग बेघर हो गए।
  • गाँव की गलियाँ तालाब में बदल चुकी हैं और कहीं भी आने-जाने का रास्ता नहीं बचा है।

पीड़ितों की पीड़ा

गाँव के लोग बताते हैं कि –

  • खाने-पीने की दिक्कत है।
  • दूध और रोजमर्रा का सामान उपलब्ध नहीं है।
  • बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा परेशान हैं।


राहत कैंपों में जीवन

मजबूरी में घर छोड़ना पड़ा

600+ ग्रामीणों ने अपने घर छोड़ दिए और पास के पंचायत भवन तथा स्कूल में बने relief camps में शरण ली। मक्कासर (हनुमानगढ़) के ग्रामीणों के लिए यह स्थिति बेहद कठिन है।

एक ही जगह 20 परिवार

  • कई राहत कैंपों में 20-20 परिवार एक साथ रह रहे हैं।
  • गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को विशेष दिक्कतें हो रही हैं।
  • साफ-सफाई और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।


प्रशासन और सरकार की भूमिका

मदद की गुहार

गाँववासियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन्हें खाने, दवाइयों और रहने की उचित व्यवस्था मिले। Makkasar (Hanumangarh)) में पंचायत और प्रशासन दोनों सक्रिय दिख रहे हैं, लेकिन चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं।

पंचायत और स्थानीय सहायता

  • पंचायत स्तर पर मदद की कोशिश की जा रही है।
  • 5 राहत शिविरों में खाना और पानी की व्यवस्था की गई है।
  • लेकिन यह सुविधाएँ अभी भी जरूरत से काफी कम हैं।


Flood in Makkasar (Hanumangarh): समस्याएँ और चुनौतियाँ

मुख्य समस्याएँ

  1. साफ पानी और दूध की कमी
  2. बच्चों व बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ नहीं
  3. घरों में पानी भरा होने से बीमारी का खतरा
  4. फसलों को भारी नुकसान
  5. मवेशियों की मौत और पशु चारे की समस्या

आर्थिक नुकसान

मक्कासर (हनुमानगढ़) गाँव के लोगों की आर्थिक स्थिति पहले से कमजोर है।

  • बाढ़ ने खेती को पूरी तरह बर्बाद कर दिया।
  • ग्रामीणों के घर और सामान नष्ट हो गए।
  • मजदूरी और कामकाज पूरी तरह ठप है।


गाँववासियों की आवाज़

पीड़ितों के बयान

मक्कासर (हनुमानगढ़) के लोग कहते हैं –

  • “हमें रोटी-सब्जी तक नसीब नहीं हो रही।”
  • “दूध लेने वाला कोई नहीं, बच्चे भूखे रो रहे हैं।”
  • “घर छोड़कर राहत कैंप में रहना मजबूरी है।”

महिलाओं और बच्चों की परेशानी

  • महिलाओं को खाना बनाने और पानी लाने में दिक्कत है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए उचित स्वास्थ्य सुविधाएँ नहीं हैं।
  • बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गई है।


Flood in Rajasthan: आगे की राह

सरकार को क्या करना चाहिए

  1. राहत शिविरों में भोजन और दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था
  2. पानी निकासी के लिए पंप और मशीनें लगाना
  3. प्रभावित परिवारों को मुआवजा देना
  4. बच्चों की पढ़ाई के लिए अस्थायी स्कूल खोलना
  5. मवेशियों और फसलों के नुकसान की भरपाई करना

दीर्घकालिक समाधान

  • गाँवों में मजबूत drainage system बनाना चाहिए।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन टीम सक्रिय रहनी चाहिए।
  • हर साल मक्कासर (हनुमानगढ़) जैसे बाढ़ प्रभावित गाँवों की सूची बनाकर पहले से तैयारी करनी चाहिए।


Conclusion

गाँव मक्कासर (हनुमानगढ़)की यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि प्राकृतिक आपदाएँ केवल मौसम की मार नहीं बल्कि व्यवस्था की कमजोरियों को भी उजागर करती हैं। अगर Flood in मक्कासर (हनुमानगढ़)जैसी घटनाओं से निपटना है तो सरकार और समाज दोनों को मिलकर काम करना होगा।

ग्रामीणों की सबसे बड़ी मांग है कि उन्हें तुरंत राहत, भोजन, दवा और रहने की उचित व्यवस्था मिले। साथ ही भविष्य के लिए ऐसी योजनाएँ बनाई जाएँ जिससे Makkasar (Hanumangarh)दोबारा इस स्थिति का शिकार न हो।


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