परिचय
राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है और यहां की पंचायत राज व्यवस्था लोकतंत्र की असली जड़ कहलाती है। गांवों के विकास और प्रशासन की जिम्मेदारी सरपंच पर होती है। हर पांच साल में राजस्थान में पंचायत चुनाव आयोजित किए जाते हैं। वर्ष 2025 में फिर से पंचायत चुनाव होने वाले हैं और लाखों ग्रामीण मतदाता अपने गांव की सरकार चुनेंगे।

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राजस्थान में सरपंच चुनाव कब होंगे?
- राजस्थान में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
- पिछला चुनाव वर्ष 2020 में हुआ था, इसलिए अब 2025 में पंचायत चुनाव होने तय हैं।
- चुनाव आयोग (राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग) द्वारा अक्टूबर-नवंबर 2025 तक अधिसूचना जारी किए जाने की संभावना है।
- मतदान संभवतः दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 में संपन्न होगा।
- अंतिम तिथियों की घोषणा राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग (RSSEC) करेगा।
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सरपंच चुनाव की प्रक्रिया (Step-by-Step)
1. अधिसूचना जारी करना
- चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाती है।
- इसमें नामांकन तिथि, मतदान तिथि और मतगणना की तिथि शामिल होती है।
2. मतदाता सूची
- पंचायत चुनाव के लिए अलग से मतदाता सूची तैयार नहीं होती, बल्कि विधानसभा/लोकसभा चुनाव की सूची ही मान्य होती है।
- 18 वर्ष से ऊपर का प्रत्येक ग्रामीण मतदाता वोट डाल सकता है।
3. आरक्षण (Reservation)
- राजस्थान पंचायत चुनाव में SC, ST, OBC, महिला एवं सामान्य वर्ग के लिए सीटों का आरक्षण तय होता है।
- यह आरक्षण घुमाव पद्धति (Rotation System) से किया जाता है।
- महिलाओं के लिए 50% सीटें आरक्षित रहती हैं।
4. नामांकन प्रक्रिया
- इच्छुक उम्मीदवार निर्धारित तिथि तक नामांकन पत्र जमा करता है।
- नामांकन पत्र के साथ निर्धारित जमानत राशि भी जमा करनी होती है।
- आयु: उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए।
- शैक्षणिक योग्यता: राजस्थान सरकार ने नियम बदले हैं, जिसमें सरपंच पद के लिए कक्षा 8वीं पास होना अनिवार्य है।
5. नामांकन पत्र की जांच (Scrutiny)
- चुनाव अधिकारी द्वारा सभी नामांकन पत्रों की जांच की जाती है।
- यदि किसी दस्तावेज़ में कमी पाई जाती है तो नामांकन रद्द किया जा सकता है।
6. प्रत्याशी सूची (Final Candidates List)
- जांच के बाद योग्य उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित की जाती है।
7. प्रचार (Election Campaign)
- उम्मीदवार गांव में प्रचार करते हैं।
- पोस्टर, बैनर, जनसभा, सोशल मीडिया प्रचार की अनुमति होती है लेकिन निर्धारित खर्च सीमा से ज्यादा खर्च नहीं किया जा सकता।
8. मतदान (Voting Process)
- मतदान गुप्त मतपत्र या ईवीएम (EVM) के माध्यम से कराया जाता है।
- मतदाता अपने पहचान पत्र (आधार कार्ड/वोटर आईडी) दिखाकर वोट डालते हैं।
9. मतगणना (Counting of Votes)
- मतदान के बाद बैलेट बॉक्स/ईवीएम की गिनती होती है।
- सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाला उम्मीदवार ग्राम पंचायत का सरपंच घोषित किया जाता है।
10. परिणाम घोषित करना
- चुनाव अधिकारी द्वारा विजयी उम्मीदवार को प्रमाण पत्र (Certificate of Election) प्रदान किया जाता है।
सरपंच चुनाव में पात्रता (Eligibility)
- उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
- न्यूनतम आयु: 21 वर्ष।
- शैक्षणिक योग्यता: कक्षा 8वीं उत्तीर्ण।
- उम्मीदवार को मतदाता सूची में नाम दर्ज होना चाहिए।
- उम्मीदवार को किसी आपराधिक मामले में दोषी नहीं ठहराया गया हो।
- आरक्षित सीटों पर केवल वही वर्ग (SC/ST/OBC/महिला) चुनाव लड़ सकता है।
राजस्थान पंचायत चुनाव की विशेषताएं
- कुल ग्राम पंचायतें: लगभग 11,341 (2025 तक)।
- पंचायत समिति: 352
- जिला परिषद: 33
- एक पंचायत का प्रमुख सरपंच कहलाता है, जबकि पंचायत समिति में प्रधान और जिला परिषद में जिला प्रमुख चुना जाता है।
- पंचायत चुनाव तीन स्तर पर होते हैं:
- ग्राम पंचायत स्तर (सरपंच और वार्ड पंच)
- पंचायत समिति स्तर (प्रधान)
- जिला परिषद स्तर (जिला प्रमुख)
सरपंच चुनाव में महिला सशक्तिकरण
- राजस्थान सरकार ने महिलाओं के लिए 50% आरक्षण लागू किया है।
- इससे ग्रामीण राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।
- आज राजस्थान के हजारों गांवों की सरपंच महिलाएं हैं, जिन्हें आमतौर पर “सरपंची” भी कहा जाता है।
सरपंच की भूमिका और जिम्मेदारियां
- गांव के विकास कार्यों की निगरानी करना।
- पंचायत निधियों का सही उपयोग सुनिश्चित करना।
- ग्रामीण योजनाओं जैसे – मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन आदि को लागू करना।
- शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे का विकास।
- गांव में कानून व्यवस्था और विवादों का समाधान।
चुनावों में पारदर्शिता और तकनीकी सुधार
- हाल के वर्षों में ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का उपयोग बढ़ा है।
- चुनाव आयोग ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन नामांकन और मतदाता जागरूकता अभियान भी शुरू किए हैं।
- सोशल मीडिया पर अवैध प्रचार और पैसे के दुरुपयोग पर नजर रखने के लिए अलग से निगरानी दल गठित किए जाते हैं।
चुनावी आचार संहिता (Code of Conduct)
- अधिसूचना जारी होते ही आचार संहिता लागू हो जाती है।
- सरकारी धन और वाहनों का चुनाव प्रचार में उपयोग नहीं किया जा सकता।
- शराब, पैसे या अन्य लालच देकर वोट मांगना अवैध है।
सरपंच चुनाव से जुड़े रोचक तथ्य
- राजस्थान में 1960 से पंचायत चुनाव हो रहे हैं।
- 2010 में पहली बार शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य की गई थी।
- 2015 में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण लागू किया गया।
- एक सरपंच को गांव की “छोटी सरकार” कहा जाता है।
निष्कर्ष
राजस्थान में सरपंच चुनाव लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का सबसे बड़ा माध्यम है। 2025 के पंचायत चुनाव में लाखों लोग भाग लेंगे और अपने गांव की सरकार चुनेंगे। सरपंच चुनाव न केवल गांव के विकास की दिशा तय करते हैं, बल्कि ग्रामीण स्तर पर लोकतांत्रिक भागीदारी को भी सशक्त करते हैं।
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