भूमिका (Introduction)
दिल्ली की राजनीति उस समय हिल गई जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर एक शख्स ने ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान हमला कर दिया। हमलावर की पहचान राजेश खिमजी साकरिया के रूप में हुई, जो गुजरात के राजकोट का रहने वाला है। पुलिस जांच में सामने आया कि इस व्यक्ति पर पहले से ही नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें ज्यादातर शराब के नशे में की गई हिंसा और बदसलूकी से जुड़े हैं।
राजेश की मां ने मीडिया को बताया कि उनका बेटा “कुत्तों से बेहद प्यार करता है” और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से बेहद नाराज़ था जिसमें दिल्ली की आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया गया था।
राजेश खिमजी साकरिया कौन है?
पारिवारिक पृष्ठभूमि
राजेश की उम्र 36 साल है और वह राजकोट शहर का निवासी है। परिवार में उसके पिता और भाई भी रिक्शा चलाते हैं। आर्थिक रूप से मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाला राजेश अक्सर अपने विवादित बर्ताव की वजह से पुलिस रिकॉर्ड में रहा है।
मां का बयान
राजेश की मां, भानु खिमजी साकरिया, ने कहा कि उनका बेटा मानसिक रूप से अस्थिर है और उसका गुस्सा अनियंत्रित रहता है। उन्होंने बताया—
“उसका दिमाग ऐसा है कि किसी को भी मार देगा। उसने मुझे भी मारा है और अपनी पत्नी को भी। वह कुत्तों के मुद्दे पर इतना गुस्सा हुआ कि घर का पलंग तोड़ने पर उतारू हो गया।”
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और गुस्सा
आवारा कुत्तों पर फैसला
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली की सभी आवारा बिल्लियों और कुत्तों को पकड़कर शेल्टर में रखा जाए। यह आदेश उन इलाकों में बढ़ते कुत्ता काटने के मामलों के चलते दिया गया था।
राजेश की प्रतिक्रिया

राजेश खुद को डॉग लवर मानता था और इस फैसले से बेहद व्यथित था। उसकी मां के अनुसार, “वह रविवार को दिल्ली के लिए निकला और सोमवार को पहुंचा। जब पिता ने पूछा तो उसने कहा कि वह कुत्तों के लिए दिल्ली आया है।”
राजेश का आपराधिक इतिहास
राजकोट पुलिस के दस्तावेज़ बताते हैं कि 2017 से 2022 के बीच उस पर 9 केस दर्ज हुए।
2017
- सितंबर में उस पर मारपीट के लिए उकसाने का मामला दर्ज हुआ।
- नवंबर में उसे निवारक हिरासत (Preventive Detention) में लिया गया।
2020
- अगस्त, अक्टूबर और नवंबर में तीन बार शराब के नशे में उपद्रव के आरोप लगे।
2021
- फरवरी में उस पर आपराधिक धमकी (Criminal Intimidation) का मामला दर्ज हुआ।
2022
- जनवरी में फिर से निवारक हिरासत में लिया गया।
- जुलाई और नवंबर में दोबारा नशे में उपद्रव के मामले सामने आए।
दिल्ली में हमला क्यों किया?
पुलिस की जांच
दिल्ली पुलिस ने पहले यह भी जांचा कि कहीं राजेश ने किसी रिश्तेदार की जेल से रिहाई के लिए तो हमला नहीं किया। लेकिन DCP जगदीश बंगारवा ने साफ किया—
“राजेश का कोई भी रिश्तेदार जेल में नहीं है। उसकी मां के मुताबिक, वह कुत्तों को लेकर परेशान था और उसी वजह से दिल्ली आया।”
मानसिक स्वास्थ्य और हिंसक स्वभाव
उसकी मां का कहना है कि राजेश का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वह किसी भी समय हिंसक हो सकता है। हालांकि, वह किसी भी प्रकार की दवा नहीं ले रहा था।
राजनीतिक और सामाजिक असर
राजनीति में हलचल
दिल्ली के मुख्यमंत्री पर हमला होना अपने आप में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया। विपक्षी दलों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए, वहीं सत्ता पक्ष ने इस घटना को “एक असामान्य मानसिकता वाले व्यक्ति की हरकत” करार दिया।
समाज में संदेश
इस घटना से यह सवाल भी खड़ा हुआ कि जिन लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं, उन्हें कैसे नियंत्रित किया जाए। खासकर जब वे सार्वजनिक कार्यक्रमों तक पहुंच बना लेते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य और अपराध का संबंध
विशेषज्ञों की राय
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामलों में अपराध केवल “इरादा” नहीं होता, बल्कि कई बार यह व्यक्ति की मानसिक स्थिति का परिणाम भी हो सकता है।
समाधान की आवश्यकता
ऐसे लोगों को केवल जेल में डालना समाधान नहीं है। उन्हें उचित काउंसलिंग, दवाइयों और मनोचिकित्सक उपचार की भी जरूरत होती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
राजेश खिमजी साकरिया का मामला इस बात का प्रमाण है कि मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक जिम्मेदारी और कानून-व्यवस्था आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं। एक तरफ वह खुद को कुत्तों का प्रेमी बताता है, लेकिन दूसरी तरफ उसका आपराधिक इतिहास और हिंसक स्वभाव उसे समाज के लिए खतरनाक बना देता है।
दिल्ली की घटना केवल सुरक्षा व्यवस्था की चूक नहीं थी, बल्कि यह चेतावनी भी है कि अगर समय रहते ऐसे लोगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे बड़े हादसे का कारण बन सकते है
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1 thought on “दिल्ली CM पर हमला करने वाले राजेश खिमजी साकरिया का विवादित इतिहास 2025”