भारत के लोकतंत्र की नींव उसकी मजबूत चुनाव प्रणाली में निहित है। हर पांच साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव न सिर्फ राजनीतिक दिशा तय करते हैं, बल्कि यह देश की जनता की उम्मीदों, आकांक्षाओं और सोच का आईना भी होते हैं। 28 मई 2025 को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान संपन्न हुआ, और इस चरण ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि भारत की जनता अपने अधिकारों को लेकर गंभीर और जागरूक है।

किन राज्यों में हुआ मतदान?
पांचवें चरण में कुल 49 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ, जो 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली थीं। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, असम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे बड़े व रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य शामिल थे।
इनमें से कई सीटों को “हाई प्रोफाइल” या “हॉट सीट्स” माना गया, जहां पर बड़े राजनीतिक नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर थी। इन सीटों पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त रही और मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुई।
मतदान प्रतिशत – लोकतंत्र में जनता की भागीदारी
इस चरण में लगभग 62.4% मतदान दर्ज किया गया, जो कि एक उत्साहजनक संकेत है। महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं ने बड़ी संख्या में मतदान किया। पहली बार वोट डालने वाले युवा मतदाताओं ने भी खासा जोश दिखाया।
कुछ प्रमुख राज्यों का अनुमानित मतदान प्रतिशत इस प्रकार रहा:
- पश्चिम बंगाल: 76%
- बिहार: 58%
- महाराष्ट्र: 60%
- उत्तर प्रदेश: 61%
- झारखंड: 65%
गांवों में महिलाओं की लंबी कतारें और शहरों में युवाओं की भागीदारी यह दर्शाती है कि जनता बदलाव चाहती है।
चुनाव आयोग और तकनीकी प्रबंधन
इस बार चुनाव आयोग ने कई तकनीकी उपायों का उपयोग किया। EVM मशीनों के साथ VVPAT का व्यापक उपयोग हुआ जिससे पारदर्शिता बढ़ी। कहीं-कहीं तकनीकी खामियों की शिकायतें मिलीं लेकिन उन्हें तुरंत दुरुस्त कर लिया गया।
चुनाव आयोग की मोबाइल ऐप, वेब पोर्टल और हेल्पलाइन सेवाओं ने मतदाताओं को सुविधा पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
मुख्य आकर्षण और घटनाएं
- कई दिग्गज नेताओं ने परिवार सहित मतदान किया और लोगों को प्रेरित किया।
- सोशल मीडिया पर #VoteForIndia और #MyVoteMyRight जैसे हैशटैग ट्रेंड करते रहे।
- जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण मतदान हुआ, जो लोकतंत्र के लिए सकारात्मक संकेत है।
निष्कर्ष
लोकसभा चुनाव 2025 का पांचवां चरण भारतीय लोकतंत्र की जीवंतता और मजबूती का प्रमाण है। जनता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने मत का प्रयोग न सिर्फ अधिकार बल्कि जिम्मेदारी के रूप में करती है। अब नजरें छठे और अंतिम चरण पर हैं, जिसके बाद 4 जून को परिणाम आएंगे।
यह समय है सोच-समझकर वोट देने का, क्योंकि आपका वोट सिर्फ एक बटन नहीं – बल्कि देश का भविष्य तय करता है।
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