साधारण पीने का पानी देना होटल की जिम्मेदारी — उपभोक्ता का अधिकार💧 पानी सिर्फ जरूरत नहीं, हक़ है — होटल और रेस्तरां को नहीं है इनकार का अधिकार

भूमिका: पानी — जीवन का मूल अधिकार

पानी न केवल जीवन का आधार है, बल्कि यह हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार भी है। जब हम किसी होटल, रेस्तरां या सार्वजनिक स्थान पर जाते हैं, तो सबसे बुनियादी ज़रूरत होती है — एक गिलास साफ पीने का पानी

लेकिन क्या हो अगर कोई होटल हमें इसके लिए मजबूरी में बोतलबंद पानी खरीदने को कहे? या साफ पानी देने से इनकार कर दे?
यह न सिर्फ नैतिक रूप से गलत है, बल्कि कानूनन भी अनुचित है।


क्या कहता है कानून?

👉 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार, कोई भी होटल या रेस्तरां साधारण पीने का पानी देने से इनकार नहीं कर सकता
👉 यदि वे ऐसा करते हैं, तो इसे “अनुचित व्यापार प्रथा” (Unfair Trade Practice) माना जाएगा।
👉 बोतलबंद पानी को ज़बरदस्ती थोपना उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है।
👉 होटल या रेस्टोरेंट MRP से अधिक शुल्क नहीं ले सकते।
👉 लेकिन वे साधारण साफ पानी मुफ्त में उपलब्ध कराने के लिए बाध्य हैं।


कई मामलों में सुनाया गया उपभोक्ताओं के पक्ष में फैसला

अनेक बार उपभोक्ताओं ने ऐसी शिकायतें दर्ज की हैं, जहाँ होटल या कैफे ने उन्हें साधारण पानी नहीं दिया और मजबूरन महंगा बोतलबंद पानी खरीदना पड़ा।

इन मामलों में:
उपभोक्ता फोरम ने होटल को दंडित किया।
GPSC और कोर्ट ने साफ किया कि बोतलबंद पानी बेचना मजबूरी नहीं बनाई जा सकती।


क्या करें उपभोक्ता?

यदि आपके साथ भी ऐसा हुआ है, तो डरिए नहीं — ये आपका अधिकार है

👉 1. होटल का विवरण नोट करें:

  • होटल/रेस्टोरां का नाम, पता, दिनांक और समय
  • स्टाफ का नाम, यदि संभव हो तो

👉 2. शिकायत दर्ज करें:

  • स्थानीय उपभोक्ता फोरम में शिकायत करें
  • या संपर्क करें:
    📞 राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन: 1800-11-4000 / 1915
    💻 ई-दाखिल पोर्टल: edaakhil.nic.in

एक जिम्मेदार समाज की ओर कदम

पानी सिर्फ एक वस्तु नहीं, बल्कि मानव अधिकार है।
इसका व्यावसायीकरण करना नैतिक और कानूनी दोनों दृष्टिकोण से गलत है।
हमें चाहिए कि हम अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और जहां भी ज़रूरी हो, आवाज़ उठाएं।


निष्कर्ष: सजग बनें, चुप न रहें

आज ज़रूरत है कि हम सिर्फ उपभोक्ता नहीं, जिम्मेदार नागरिक बनें।
जब हम अपने छोटे-छोटे अधिकारों के लिए आवाज़ उठाते हैं, तभी समाज में बड़ा बदलाव आता है।

तो अगली बार जब कोई होटल या रेस्टोरेंट आपको साधारण पीने का पानी न दे
चुप मत रहिए — आवाज़ उठाइए।
क्योंकि पानी कोई विलासिता नहीं — ये आपका अधिकार है। 💧


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