सिंधु-चिनाब नदी का पानी राजस्थान तक: बदलती तस्वीर, हरियाली की नई राह

🌾 परिचय

राजस्थान की धरती पर हरियाली का सपना अब और करीब लगता है। भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान से सिंधु जल समझौते की समीक्षा और नियंत्रण के बाद अब सिंधु और चिनाब नदियों का पानी राजस्थान तक लाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। यदि यह योजना सफल होती है, तो राज्य का सिंचित क्षेत्र 44% से बढ़कर 75% तक हो सकता है, जिससे कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन संभव होगा।


🚜 यह आएगा बदलाव

  • फसल उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि: कृषि विभाग का अनुमान है कि राजस्थान में फसलों की उपज 40 से 60% तक बढ़ सकती है
  • बंजर भूमि होगी उपजाऊ: अब तक जो जमीन पानी की कमी के कारण खाली पड़ी रहती थी, वहां अब खेती संभव हो पाएगी।
  • कृषि आधारित उद्योगों को मिलेगा बल: सिंचाई का विस्तार कृषि-आधारित प्रोसेसिंग और व्यापार को भी नई दिशा देगा।
  • ग्रामीण युवाओं के लिए रोज़गार के नए रास्ते खुलेंगे।

🗺️ राजस्थान में कृषि की वर्तमान तस्वीर

क्षेत्रआँकड़े
कुल बुवाई क्षेत्र281.71 लाख हेक्टेयर
सिंचित क्षेत्र125.82 लाख हेक्टेयर
असिंचित क्षेत्र155.89 लाख हेक्टेयर

राज्य में फिलहाल 56% भूमि असिंचित है, जो सिंधु-चिनाब जल योजना के बाद धीरे-धीरे हरे-भरे खेतों में बदल सकती है।


💧 राजस्थान तक ऐसे पहुंचेगा पानी

सिंधु और चिनाब नदियों से पानी रावी, व्यास, सतलज के रास्ते इंदिरा गांधी नहर तक पहुंचेगा, जो राजस्थान का प्रमुख जल स्रोत है। इससे पश्चिमी राजस्थान के शुष्क और रेगिस्तानी क्षेत्रों में भी स्थायी सिंचाई की व्यवस्था हो सकेगी।


📍 इन जिलों को होगा सीधा लाभ

✅ जलौर और नागौर:

  • यहाँ की भूमि उपजाऊ है, लेकिन सिंचाई की भारी कमी है।
  • अब सिंचाई सुविधाएं मिलेंगी और कृषि विस्तार संभव होगा।

✅ जैसलमेर व बाड़मेर:

  • रेगिस्तानी इलाकों में अब भी खेती सीमित है, परंतु सिंचाई से फसलें उगाई जा सकेंगी।

✅ बीकानेर और गंगानगर:

  • पहले से नहर सिंचाई से समृद्ध, लेकिन अतिरिक्त जल मिलने से नई फसलों की संभावनाएं बढ़ेंगी।

🌾 इन फसलों की होगी बेहतर पैदावार

  • गेहूं: पश्चिमी राजस्थान में उत्पादन बढ़ेगा।
  • चना व सरसों: सिंचाई सुविधा से रकबा और गुणवत्ता दोनों में वृद्धि।
  • सब्ज़ियाँ और फल: पानी उपलब्ध होने से अधिक मात्रा में उत्पादन और बेहतर बाज़ार संभावनाएं।

🌍 अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर असर

  • कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
  • ग्रामीण पलायन में कमी आएगी, क्योंकि रोजगार गांव में ही उपलब्ध होगा।
  • पर्यावरणीय संतुलन बेहतर होगा – हरियाली बढ़ेगी, तापमान में कमी आएगी।

📝 निष्कर्ष

सिंधु-चिनाब जल योजना राजस्थान के लिए सिर्फ एक सिंचाई परियोजना नहीं, बल्कि एक हरित क्रांति की ओर कदम है। यदि समय पर और प्रभावी तरीके से इस योजना को लागू किया जाता है, तो आने वाले वर्षों में राजस्थान की तस्वीर ही बदल सकती है। जहाँ आज बंजर ज़मीन है, वहां कल हरियाली होगी, और जहां आज किसान पानी को तरसता है, वहां कल समृद्ध फसलें लहराएंगी।


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