राजस्थान में मानसून का कहर: 28 जिलों में अलर्ट, जानें पूरा अपडेट

भूमिका

राजस्थान में मानसून एक बार फिर अपनी पूरी ताकत के साथ सक्रिय होने जा रहा है। मौसम विभाग ने राज्य के 28 जिलों में तेज बारिश और आंधी-तूफान को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। राजधानी जयपुर सहित कई जिलों में अगले कुछ दिनों तक तेज हवाएं, बिजली गिरने की घटनाएं और भारी बारिश देखने को मिल सकती है। यह चेतावनी विशेष रूप से किसानों, यातायात विभाग और ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए अहम है, ताकि समय रहते सावधानी बरती जा सके।

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मौसम विभाग का अलर्ट राजस्थान

मौसम केंद्र जयपुर ने 14 से 16 अगस्त के बीच भरतपुर, कोटा, उदयपुर, जयपुर और अजमेर संभाग के 28 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

  • मुख्य चेतावनी:
    • तेज हवाओं के साथ भारी बारिश
    • बिजली गिरने का खतरा
    • निचले इलाकों में जलभराव की संभावना
    • यातायात और परिवहन में रुकावट

क्यों सक्रिय हो रहा है मानसून?

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी युक्त हवाओं का प्रवाह राजस्थान की ओर बढ़ रहा है। साथ ही पश्चिमी विक्षोभ की हल्की सक्रियता भी बारिश में इजाफा करेगी।

  • बंगाल की खाड़ी से नमी – पूर्वी राजस्थान में भारी वर्षा का कारण बनेगी।
  • अरब सागर से हवाएं – पश्चिमी राजस्थान में भी छिटपुट बारिश की संभावना बढ़ाएंगी।
  • स्थानीय तापमान में गिरावट – दिन और रात के तापमान में 3-4 डिग्री की कमी।

प्रभावित जिले

मौसम विभाग के अनुसार, निम्नलिखित जिलों में येलो अलर्ट लागू रहेगा:

  • भरतपुर संभाग – भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर
  • कोटा संभाग – कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़
  • उदयपुर संभाग – उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़
  • जयपुर संभाग – जयपुर, दौसा, अलवर, झुंझुनूं, सीकर, टोंक
  • अजमेर संभाग – अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा

कृषि पर असर

भारी बारिश किसानों के लिए एक तरफ राहत तो दूसरी तरफ चिंता भी ला सकती है।

  • फायदे:
    • खरीफ फसलों के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता।
    • सिंचाई के खर्च में कमी।
  • नुकसान:
    • ज्यादा पानी से बाजरा, मूंग और मूंगफली जैसी फसलों में जलभराव।
    • खेतों में कटाव और मिट्टी का बह जाना।
    • कीट और फफूंद जनित बीमारियों का खतरा।

सलाह:
किसानों को चाहिए कि खेतों में पानी निकासी की व्यवस्था रखें और कटाई योग्य फसलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं।


शहरों पर असर

शहरी इलाकों में तेज बारिश से जलभराव, ट्रैफिक जाम और बिजली कटौती जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं।

  • जयपुर, कोटा और अजमेर में निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना।
  • कई जगहों पर ट्रैफिक डायवर्जन लागू हो सकता है।
  • बिजली लाइनों और खंभों के पास जाने से बचने की सलाह।

यातायात और परिवहन

भारी बारिश के दौरान राज्य के कई हाईवे और ग्रामीण सड़कें प्रभावित हो सकती हैं।

  • NH-8 (जयपुर-उदयपुर) और NH-11 (जयपुर-बीकानेर) पर गाड़ियों की धीमी रफ्तार।
  • बस और ट्रेन सेवाओं में देरी संभव।
  • यात्रियों को यात्रा से पहले मौसम अपडेट चेक करने की सलाह।

स्वास्थ्य संबंधी खतरे

मौसम के बदलते मिजाज के साथ डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार जैसे रोग बढ़ने का खतरा है।

  • मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
  • गंदा पानी जमा न होने दें।
  • भीगने के बाद तुरंत कपड़े बदलें और शरीर को सुखाएं।

सरकारी तैयारी

राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा है।

  • कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहेंगे।
  • हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
  • नदी और नालों के किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

बिजली गिरने से बचाव

राजस्थान में हर साल बिजली गिरने से कई लोगों की मौत होती है।

  • खुले मैदान में मोबाइल का उपयोग न करें।
  • पेड़ों के नीचे न खड़े हों।
  • धातु की वस्तुओं से दूर रहें।

आर्थिक असर

भारी बारिश से जहां कृषि को फायदा होगा, वहीं बाजार और व्यापार पर भी असर पड़ सकता है।

  • सब्जियों और अनाज की सप्लाई बाधित होने से कीमतें बढ़ सकती हैं।
  • निर्माण कार्यों में देरी।
  • पर्यटन स्थलों पर भीड़ कम होने की संभावना।

निष्कर्ष

राजस्थान में मानसून की यह सक्रियता जहां एक ओर फसलों और जल संसाधनों के लिए वरदान है, वहीं यह कई चुनौतियां भी लेकर आती है। मौसम विभाग का अलर्ट गंभीरता से लेना जरूरी है, ताकि जान-माल का नुकसान न हो।

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