भूमिका (Introduction)
Jaisalmer Dudaram Suicide मामला राजस्थान की राजनीति और समाज में हलचल पैदा कर गया है। 20 वर्षीय दूदाराम Saran ने आत्महत्या से पहले नागौर सांसद Hanuman Beniwal को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उसने अपने साथ हो रहे उत्पीड़न, पुलिस की मिलीभगत और सिस्टम की कमजोरी पर गंभीर सवाल उठाए। यह घटना न केवल एक आत्महत्या का मामला है बल्कि पुलिस और राजनीतिक तंत्र पर अविश्वास की गहरी निशानी भी है।
कौन था दूदाराम सरण? (Who was Dudaram Saran?)
- उम्र: 20 वर्ष
- गांव: रातड़िया, शिवनाथ सिंह नगर, भणियाणा थाना क्षेत्र, जैसलमेर
- पहचान: RLP (Rashtriya Loktantrik Party) का कार्यकर्ता
- विशेषता: Hanuman Beniwal का जबरा फैन (उसने अपने सीने पर बेनीवाल का टैटू भी बनवाया था)
घरवालों के मुताबिक, दूदाराम राजनीति में सक्रिय था लेकिन परिवार उसे राजनीति से दूर रखना चाहता था और उसे दुबई भेजने की तैयारी कर रहा था।
Dudaram Suicide Case: घटना कैसे हुई?

- घटना 25 अगस्त 2025 की शाम को हुई।
- दूदाराम का शव उसके घर में बने हौद से बरामद किया गया।
- पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन अगले दिन (26 अगस्त) सुबह से RLP कार्यकर्ताओं ने भणियाणा CHC की मोर्च्युरी के बाहर धरना शुरू कर दिया और शव उठाने से इनकार कर दिया।
Dudaram का पत्र Hanuman Beniwal को (Suicide Note Details)

आत्महत्या से पहले दूदाराम ने सांसद Hanuman Beniwal को पत्र लिखा।
पत्र की मुख्य बातें:
- एक युवक (जोधपुर जिले का) उसे फोन और मैसेज से लगातार परेशान कर रहा था।
- मतोड़ा थाना अधिकारी उस युवक को संरक्षण दे रहा है।
- पुलिस पर गंभीर आरोप: “राजस्थान की पुलिस इतनी गिर चुकी है कि 1-2 लाख रुपए के लिए किसी की जान ले सकती है।”
- उसने साफ लिखा कि वह अब जीने में असमर्थ है।
पुलिस का बयान (Police Statement vs. Dudaram’s Claims)
➡️ दूदाराम का आरोप: पुलिस और एक युवक की मिलीभगत से उसे परेशान किया जा रहा था।
➡️ पुलिस का बयान:
- हाल ही में मतोड़ा थाना क्षेत्र से एक लड़की मिसिंग थी।
- दूदाराम को उस लड़की के साथ पकड़ा गया था।
- लड़की को परिजनों को सौंप दिया गया।
- पुलिस का अंदेशा: दूदाराम इसी घटना से तनाव में था।
👉 यानी पत्र और पुलिस बयान में बड़ा विरोधाभास है।
Dudaram और Hanuman Beniwal का रिश्ता
- दूदाराम को लोग Hanuman Beniwal का कट्टर समर्थक मानते थे।
- राजनीति में उसकी पहचान RLP कार्यकर्ता के रूप में बनी थी।
- बेनीवाल के प्रति उसकी दीवानगी इतनी थी कि उसने Tattoo बनवाया और आखिरी वक्त भी उन्हें ही पत्र लिखा।
परिवार और समाज की प्रतिक्रिया
- परिवार का कहना है: दूदाराम को राजनीति से दूर रहने की सलाह दी जा रही थी।
- RLP कार्यकर्ताओं का रुख: पुलिस पर मिलीभगत और भ्रष्टाचार का आरोप।
- ग्रामीणों का गुस्सा: धरना प्रदर्शन कर न्याय की मांग।
Dudaram Suicide Case का महत्व
यह घटना राजस्थान में तीन अहम सवाल उठाती है:
- Police Credibility: क्या सचमुच पुलिस थोड़े पैसों में किसी को फंसा सकती है?
- Political Pressure: क्या राजनीति में सक्रिय युवा इतनी जल्दी दबाव में आ जाते हैं?
- Systemic Failure: जब एक नागरिक सांसद को पत्र लिखता है और आत्महत्या करता है, तो यह सिस्टम की नाकामी नहीं तो और क्या है?
निष्कर्ष (Conclusion)
Dudaram Suicide Case सिर्फ एक आत्महत्या की घटना नहीं है। यह मामला पुलिस और राजनीतिक तंत्र पर सवाल खड़े करता है। Dudaram Saran ने अपने आखिरी पत्र में Hanuman Beniwal से न्याय की उम्मीद जताई थी। अब यह देखना होगा कि बेनीवाल और राज्य सरकार इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या दूदाराम के परिवार को न्याय मिल पाता है।
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