बीकानेर में भारी बारिश: 45 मिनट में 42 मिमी पानी, श्रीडूंगरगढ़ में सबसे ज़्यादा 142 मिमी, अलर्ट जारी

परिचय

1 सितंबर 2025 को राजस्थान के बीकानेर जिले में मानसून ने जबरदस्त दस्तक दी। महज़ 45 मिनट में 42 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे शहर के अधिकांश हिस्से पानी-पानी हो गए। श्रीडूंगरगढ़ में सबसे अधिक 142 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। इस बारिश ने शहर और गांवों में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया।

बीकानेर की सड़कों पर जलभराव, घरों में पानी घुसना, बिजली बाधित होना और यातायात रुकना – ये सभी हालात साफ बताते हैं कि मानसून अब अपने चरम पर है।

बीकानेर में भारी बारिश: 45 मिनट में 42 मिमी पानी, श्रीडूंगरगढ़ में सबसे ज़्यादा 142 मिमी, अलर्ट जारी
बीकानेर में भारी बारिश: 45 मिनट में 42 मिमी पानी

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बीकानेर में बारिश के कारण

1. उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में डीप साइक्लोन

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी भारत में सक्रिय डीप साइक्लोनिक सिस्टम के चलते तेज़ बारिश हुई।

2. पंजाब और पश्चिमी विक्षोभ

पश्चिमी विक्षोभ पंजाब से होकर बीकानेर तक पहुंचा और यहां भारी बादल और नमी लेकर आया।

3. मानसून ट्रफ लाइन का बीकानेर से गुजरना

मानसून की सक्रिय ट्रफ लाइन सीधे बीकानेर के करीब से गुज़री। यही कारण रहा कि कम समय में अत्यधिक वर्षा हुई।


बीकानेर जिले में कहां कितनी हुई बारिश?

  • बीकानेर शहर – 42 मिमी
  • श्रीडूंगरगढ़ – 142 मिमी (सर्वाधिक)
  • लूनकरनसर – 65 मिमी
  • नोखा – 15 मिमी
  • छतरगढ़ – 45 मिमी
  • कोलायत – 18 मिमी
  • खाजूवाला – 45 मिमी
  • पूरे जिले का औसत – लगभग 50–60 मिमी

गांवों में हालात: घरों में पानी और फंसे वाहन

गांवों में बारिश का असर और भी ज्यादा देखने को मिला।

  • घरों में पानी घुसने से लोग परेशान हुए।
  • खेतों में फसलें डूब गईं।
  • कच्चे रास्ते और गली-मोहल्ले नदी जैसे बहने लगे।
  • सैकड़ों गाड़ियां पानी में फंस गईं, जिन्हें निकालने में घंटों मशक्कत करनी पड़ी।

बीकानेर शहर में जलभराव और अंधेरा

80% शहर जलमग्न

बीकानेर के लगभग 80% हिस्से में पानी भर गया। मुख्य बाजार, गंगाशहर, कोटगेट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के आसपास जलभराव से लोग फंसे रहे।

बिजली सप्लाई ठप

लगभग 90% इलाका डेढ़ घंटे तक अंधेरे में डूबा रहा। तेज़ हवाओं और पानी के कारण बिजली व्यवस्था चरमरा गई।


अब तक की बारिश का रिकॉर्ड

  • बीकानेर में अब तक सामान्य से 45% अधिक बारिश दर्ज हो चुकी है।
  • औसतन जहां 400–450 मिमी वर्षा होती है, वहीं इस बार 650 मिमी से भी ज्यादा हो चुकी है।
  • इस वजह से जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं।

आमजन की मुश्किलें

  1. यातायात बाधित – शहर की मुख्य सड़कें बंद हो गईं।
  2. व्यापार ठप – बाजारों में पानी भरने से दुकानदार परेशान।
  3. शिक्षा प्रभावित – स्कूल-कॉलेजों में छुट्टियां घोषित करनी पड़ीं।
  4. स्वास्थ्य खतरे में – जलभराव से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया।

प्रशासन की चुनौतियां और कार्यवाही

राहत कार्य

नगर निगम की टीमें पंप लगाकर पानी की निकासी में जुटी।

बिजली विभाग की कार्रवाई

बिजली सप्लाई बहाल करने के लिए आपातकालीन टीमों को लगाया गया।

अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। ग्रामीण और शहरी इलाकों में सतर्क रहने की अपील की गई।

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दीर्घकालिक समाधान

  • ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करना
  • नालियों और सीवर की समय-समय पर सफाई
  • बाढ़ नियंत्रण योजनाओं पर काम
  • ग्रामीण इलाकों में जल निकासी व्यवस्था का आधुनिकीकरण

निष्कर्ष

बीकानेर में हुई इस बारिश ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और तैयारी ज़रूरी है। अल्प समय में इतनी बारिश होना जलवायु परिवर्तन का भी संकेत है। प्रशासन और नागरिकों दोनों को मिलकर ऐसी परिस्थितियों से निपटने की तैयारी करनी होगी।

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