Ghaggar River Flood 2025: खतरे की घंटी! हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में 6 डरावने संकेत उजागर

घग्घर नदी में लगातार बढ़ती पानी की आवक ने राजस्थान के हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों को बाढ़ के गंभीर खतरे में डाल दिया है। पंजाब, हिमाचल और हरियाणा से आने वाले पानी ने नदी का जलस्तर बढ़ा दिया है, जिसके चलते प्रशासन ने अलर्ट मोड पर काम शुरू कर दिया है।


Ghaggar नदी में पानी की स्थिति

Ghaggar River Flood 2025: खतरे की घंटी! हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में 6 डरावने संकेत उजागर
Ghaggar River Flood 2025: खतरे की घंटी! हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में 6 डरावने संकेत उजागर

सेम नाला और नाली बेल्ट में बढ़ता जलस्तर

वर्तमान में सेम नाला में करीब 16,000 क्यूसेक पानी बह रहा है और नाली बेल्ट में लगभग 5,000 क्यूसेक पानी प्रवाहित हो रहा है। यह पानी सीधे घग्घर नदी से डायवर्ट करके छोड़ा जा रहा है।

सिंचाई विभाग की रणनीति

सिंचाई विभाग ने इंदिरा गांधी नहर (Indira Gandhi Canal) में पीछे से पानी बंद करने का निर्णय लिया है ताकि Ghaggar नदी का अतिरिक्त पानी उसमें डाला जा सके। यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि राजस्थान की लगभग 1.75 करोड़ आबादी इसी नहर से पेयजल प्राप्त करती है।


प्रशासनिक तैयारियां

मुख्य अभियंता प्रदीप रुस्तगी का दौरा

मुख्य अभियंता प्रदीप रुस्तगी ने सैमनाला का दौरा किया और जलस्तर को लेकर स्थिति का जायज़ा लिया।

ADM स्तर पर आपदा प्रबंधन बैठक

ADM ने कलेक्ट्रेट में आपदा प्रबंधन टीम की बैठक बुलाई, जिसमें बाढ़ से बचाव और राहत कार्यों को लेकर रणनीति तैयार की गई।


बाढ़ का संभावित असर

हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर के गांव खतरे में

लगातार बढ़ते जलस्तर के चलते इन दोनों जिलों के कई गांव और कस्बे डूबने के खतरे में आ गए हैं।

किसानों पर बड़ा संकट

Ghaggar River Flood 2025: खतरे की घंटी! हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में 6 डरावने संकेत उजागर
Ghaggar River Flood 2025: खतरे की घंटी! हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में 6 डरावने संकेत उजागर

किसानों के खेतों में खड़ी कपास, बाजरा और ग्वार की फसलें जलभराव से बर्बाद होने की आशंका है।


Ghaggar नदी का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

बार-बार बाढ़ की स्थिति

इतिहास गवाह है कि हर साल मानसून के दौरानGhaggar नदी का जलस्तर बढ़ने से हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में बाढ़ का खतरा मंडराता है।

पंजाब और हरियाणा का पानी

Ghaggar नदी में पानी का प्रमुख स्रोत पंजाब, हरियाणा और हिमाचल का बारिश का पानी है। जैसे ही पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश तेज़ होती है,Ghaggar नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है।


इंदिरा गांधी नहर और पेयजल आपूर्ति

नहर में पानी डालने की कवायद

इस बार प्रशासन ने निर्णय लिया है कि Ghaggar नदी का अतिरिक्त पानी इंदिरा गांधी नहर में डाला जाएगा।

1.75 करोड़ लोगों की प्यास बुझाने वाली नहर

यह नहर राजस्थान के बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर समेत कई जिलों को पेयजल उपलब्ध कराती है।


प्रशासन की चुनौतियाँ

राहत और बचाव कार्य

प्रशासन ने पहले से ही राहत शिविरों की तैयारी शुरू कर दी है। अगर पानी का स्तर और बढ़ा तो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा।

सड़कों और परिवहन पर असर

अगर जलस्तर लगातार बढ़ता है तो राष्ट्रीय राजमार्ग और ग्रामीण सड़कें डूब सकती हैं, जिससे आम लोगों और किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।


समाधान और भविष्य की रणनीति

Ghaggar नदी प्रबंधन की आवश्यकता

विशेषज्ञों का मानना है कि हर साल बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए Ghaggar नदी के लिए स्थायी समाधान ढूंढना होगा।

नहरों और तटबंधों का सुदृढ़ीकरण

तटबंधों को मजबूत करना और नहरों की क्षमता बढ़ाना जरूरी है ताकि अधिक पानी आने पर भी गांवों में बाढ़ का खतरा न रहे।


निष्कर्ष

Ghaggar River Flood Update 2025 ने यह साफ कर दिया है कि हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जैसे जिले हर साल बाढ़ के खतरे से जूझते हैं। प्रशासन ने इंदिरा गांधी नहर में पानी डायवर्ट करने की योजना बनाई है, जो पेयजल आपूर्ति और बाढ़ नियंत्रण दोनों के लिए अहम कदम है। हालांकि, लंबे समय तक राहत पाने के लिए ठोस और स्थायी समाधान पर काम करना होगा।

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