Chandra Grahan 2025 – कब, कहाँ और क्यों है खास?
साल 2025 का आखिरी Lunar Eclipse (Chandra Grahan) 7–8 सितंबर की रात को लगने जा रहा है। यह पूर्ण Chandra Grahan होगा और इसे ‘ब्लड मून’ भी कहा जाता है। वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टि से यह घटना बेहद महत्वपूर्ण है। भारत सहित एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में यह ग्रहण साफ दिखाई देगा।
Chandra Grahan 2025 – तारीख और समय
पंचांग के अनुसार:
- ग्रहण प्रारंभ – 7 सितंबर 2025, रात 9:57 बजे
- ग्रहण चरम – मध्यरात्रि के आसपास
- ग्रहण समाप्ति – 8 सितंबर 2025, प्रातः 01:26 बजे
- कुल अवधि – 3 घंटे 30 मिनट
यह घटना भारत समेत विश्व की लगभग 85% आबादी देख सकेगी। अमेरिका में यह लाइव स्ट्रीम के माध्यम से उपलब्ध होगा।
विज्ञान की नज़र से Chandra Grahan

विज्ञान के अनुसार, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तो सूर्य की रोशनी सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती। पृथ्वी की वायुमंडलीय परतों से गुज़रकर लाल-नारंगी तरंगें चंद्रमा तक पहुंचती हैं, जिससे वह लालिमा लिए ‘ब्लड मून’ जैसा दिखता है।
इसे Rayleigh Scattering (रेले प्रकीर्णन) कहते हैं।
ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से Chandra Grahan
यह ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा। राहु और चंद्रमा की युति तथा सूर्य-केतु की स्थिति इसे अशुभ योग बनाती है।
ज्योतिष के अनुसार इस ग्रहण से:
- प्राकृतिक आपदाओं की संभावना (भूकंप, तूफान, बादल फटना)।
- वैश्विक राजनीति में हलचल।
- भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक दबाव।
- मध्य-पूर्व में इज़रायल की आक्रामक नीति के चलते तनाव।
किन राशियों पर पड़ेगा असर?
वृषभ (Taurus)
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ
- आर्थिक चुनौतियाँ और खर्चों में वृद्धि
मिथुन (Gemini)
- संतान संबंधी तनाव
- मानसिक बेचैनी
सिंह (Leo)
- वैवाहिक जीवन में कलह
- रिश्तों में दूरियाँ
तुला (Libra)
- अचानक धन हानि
- लाभ में देरी और निवेश पर बाधाएँ
कुंभ (Aquarius)
- कार्य-क्षेत्र में शत्रुओं से टकराव
- दुर्घटना की आशंका
सूतक काल कब लगेगा?
- सूतक प्रारंभ – 7 सितंबर 2025, दोपहर 12:57 बजे
- सूतक समाप्त – ग्रहण की समाप्ति के साथ (8 सितंबर 2025, प्रातः 01:26 बजे)
Chandra Grahan के समय सूतक के नियम
- पूजा-पाठ वर्जित
- भोजन वर्जित
- मूर्तियों का स्पर्श न करें
- धारदार उपकरणों का प्रयोग न करें
- गर्भवती महिलाओं और बच्चों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए
Chandra Grahan के समय गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानियाँ
- ग्रहण के समय नुकीले औजारों का प्रयोग न करें।
- खाना पकाने या काटने-छीलने जैसे कार्य न करें।
- तुलसी या धार्मिक वस्तुओं का स्पर्श न करें।
- शास्त्रों के अनुसार मंत्र जाप, भजन-कीर्तन करने से मानसिक शांति मिलती है।
धार्मिक मान्यताएँ और उपाय
- ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करना आवश्यक।
- भगवान शिव या विष्णु का ध्यान करना शुभ।
- दान-पुण्य करने से दोष कम होते हैं।
- तुलसी जल ग्रहण के बाद पिया जाता है।
निष्कर्ष
Chandra Grahan 2025 केवल खगोलीय घटना नहीं बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी बेहद खास है। वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला और कुंभ राशि वालों को विशेष सतर्क रहना चाहिए। सूतक काल में नियमों का पालन कर और ग्रहण के बाद स्नान व दान-पुण्य करने से नकारात्मक प्रभाव कम किया जा सकता है।
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