Rajasthan सरकार ने पानी की किल्लत और भूजल संकट को देखते हुए बिना अनुमति ट्यूबवेल (Tube Well) खोदने पर कड़े कानून लागू किए हैं। नए नियमों के अनुसार अब बिना अनुमति ट्यूबवेल खोदने वालों को 6 माह तक की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। यह फैसला Rajasthan विधानसभा के 16वें सत्र में लिया गया है। आइए विस्तार से जानते हैं इस नए कानून से जुड़ी सभी अहम बातें।
ट्यूबवेल खोदने पर नया कानून – क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला

Rajasthan में हर साल भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। कई जिलों में पानी की भारी कमी है। ऐसे में राज्य सरकार ने भू-जल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक 2024 और भू-राजस्व (संशोधन व विधि मानकीकरण) विधेयक पारित किया है। इन विधेयकों के तहत अब कोई भी व्यक्ति या संस्था बिना अनुमति ट्यूबवेल नहीं खोद सकेगी।
नए कानून की मुख्य बातें
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- बिना अनुमति ट्यूबवेल खोदने पर 6 माह तक जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना।
- निजी और व्यावसायिक दोनों तरह के ट्यूबवेल पर ये कानून लागू होगा।
- पुराने अवैध ट्यूबवेल को सील करने और बंद करने का अधिकार स्थानीय प्रशासन को मिलेगा।
- किसानों और जरूरतमंद लोगों को अनुमति के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा।
भूजल संरक्षण क्यों है जरूरी
Rajasthan भारत के सबसे शुष्क राज्यों में से एक है। यहां का अधिकांश क्षेत्र मरुस्थलीय है और वर्षा का औसत बहुत कम है।
- तेजी से गिरता भूजल स्तर – हर साल भूजल 1-2 मीटर नीचे जा रहा है।
- कृषि और पेयजल पर खतरा – पानी की कमी से खेती और पीने के पानी दोनों पर संकट गहराता जा रहा है।
- जलवायु परिवर्तन – सूखे की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे भूजल की मांग और बढ़ती है।
सरकार का मानना है कि यदि अभी से सख्त कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले वर्षों में पानी का बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
नए कानून से जुड़ी प्रक्रिया
ट्यूबवेल खोदने के लिए अनुमति कैसे मिलेगी
- किसान या आम नागरिक को ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होगा।
- आवेदन के बाद भूजल विभाग और स्थानीय निकाय की टीम जांच करेगी।
- जांच में सही पाए जाने पर ही ट्यूबवेल की अनुमति दी जाएगी।
नियमों का उल्लंघन करने पर सजा
- बिना अनुमति ट्यूबवेल खोदने पर 6 माह की कैद।
- 1 लाख रुपये तक का जुर्माना।
- पहले से खोदे गए अवैध ट्यूबवेल को तुरंत बंद करना होगा।
किसानों और आम जनता पर प्रभाव
Rajasthan में किसान अपनी फसल की सिंचाई के लिए मुख्य रूप से ट्यूबवेल पर निर्भर हैं। नए कानून से किसानों में मिश्रित प्रतिक्रिया है।
किसानों को होगा फायदा
- भूजल का संतुलन बना रहेगा।
- भविष्य में खेती के लिए पानी सुरक्षित रहेगा।
- सरकार की योजनाओं से सिंचाई के वैकल्पिक साधन जैसे ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा मिलेगा।
किसानों को होगी चुनौतियां
- अनुमति प्रक्रिया में समय और खर्च बढ़ सकता है।
- छोटे किसानों के लिए आवेदन और शुल्क भरना मुश्किल हो सकता है।
सरकार की योजना और सहायता
Rajasthan सरकार ने साफ किया है कि जिन किसानों को वास्तव में जरूरत है, उन्हें अनुमति दी जाएगी। इसके लिए
- ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा।
- गरीब और छोटे किसानों के लिए फीस में रियायत दी जाएगी।
- ड्रिप इरिगेशन और रेन वाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी मिलेगी।
कानून लागू करने की ताकतें
निगम और प्राधिकरण को अधिकार
भूजल दोहन पर रोक लगाने के लिए निगम और प्राधिकरण को विशेष अधिकार दिए गए हैं।
- अवैध ट्यूबवेल सील करने का अधिकार।
- जुर्माना लगाने और जेल भेजने का अधिकार।
- शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई करने की जिम्मेदारी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और बहस
Rajasthan विधानसभा में इस कानून को लेकर बहस हुई। विपक्ष ने कहा कि
- किसानों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
- पहले से पानी की कमी से जूझ रहे किसान परेशान होंगे।
सीएम ने जवाब में कहा कि “मेरी आवाज पहले भी कोई नहीं रोक पाया, आज भी नहीं रोक पाएंगे” और साफ किया कि यह फैसला आने वाली पीढ़ियों के पानी को बचाने के लिए है।
आम जनता को क्या करना चाहिए
- यदि आप ट्यूबवेल खोदने की सोच रहे हैं तो पहले अनुमति लें।
- अपने घर या खेत में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाएं।
- पानी का दोहन कम करें और पानी बचाने की आदत डालें।
निष्कर्ष
Rajasthan सरकार का यह कदम पानी बचाने और भूजल संकट से निपटने की दिशा में बड़ा फैसला है। हालांकि किसानों और आम लोगों के लिए यह कानून शुरू में कठिनाई पैदा कर सकता है, लेकिन लंबे समय में यह Rajasthan के भविष्य को सुरक्षित करेगा।
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