Dehradun Cloudburst :सहस्रधारा में बादल फटने से भीषण तबाही,शिवलिंग जलमग्न– 10 की मौत

उत्तराखंड की राजधानी Dehradun में देर रात सहस्रधारा (Sahastradhara) इलाके में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस प्राकृतिक आपदा ने न सिर्फ कई परिवारों को प्रभावित किया, बल्कि मसूरी (Mussoorie) और आसपास के क्षेत्रों में भी गंभीर नुकसान पहुंचाया।
आईटी पार्क, टपकेश्वर मंदिर और कार्डीगाड़ जैसे इलाकों में नदियों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे कई लोग फंस गए। शिवलिंग (Shivling) तक जलमग्न हो गया, और मंदिर को खाली कराना पड़ा।


Dehradun घटना का पूरा विवरण

सोमवार रात करीब 11:30 बजे के आसपास सहस्रधारा क्षेत्र में बादल फटा। अचानक आई इस आपदा ने मुख्य बाजार और आसपास के इलाकों को मलबे से भर दिया।

  • होटल और दुकानें क्षतिग्रस्त: कार्डीगाड़ क्षेत्र में 2-3 बड़े होटल और लगभग 7-8 दुकानें मलबे की चपेट में आकर ध्वस्त हो गईं।
  • लोगों की जान पर खतरा: करीब 100 लोग मलबे में फंस गए थे, जिन्हें स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित निकाला गया।
  • मौसम विभाग का अलर्ट: देहरादून, चमोली, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, बागेश्वर और चंपावत जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

Dehradun शिवलिंग जलमग्न और टपकेश्वर मंदिर की स्थिति

Dehradun Cloudburst :सहस्रधारा में बादल फटने से भीषण तबाही,शिवलिंग जलमग्न– 10 की मौत
Dehradun Cloudburst :सहस्रधारा में बादल फटने से भीषण तबाही,शिवलिंग जलमग्न– 10 की मौत

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Dehradun की तमसा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से टपकेश्वर महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग पूरी तरह जलमग्न हो गया।

  • मंदिर प्रशासन ने तुरंत श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
  • आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया और नदी किनारे से दूर रहने की सलाह दी गई।

मसूरी में मलबा गिरने से मौत

मसूरी (Mussoorie) के झड़ीपानी क्षेत्र में भारी बारिश से मजदूरों के अस्थाई आवास पर मलबा गिर गया।

  • एक मजदूर की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल है।
  • घायल को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
  • पुलिस और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंचकर राहत-बचाव कार्य में जुटी रही।

रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत कार्य

बादल फटने की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ (SDRF), एनडीआरएफ (NDRF) और पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर रवाना हुईं।

  • रास्ते में मुश्किलें: मलबा अधिक होने के कारण बचाव दलों को घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कत हुई।
  • लोक निर्माण विभाग (PWD) ने जेसीबी मशीन लगाकर रास्ता खोलने का काम शुरू किया।
  • पुलिस ने आसपास के इलाकों को खाली कराया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

Dehradun के स्थानीय लोगों की बहादुरी

स्थानीय ग्रामीणों ने रातभर खुद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।

  • गांव वालों ने 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
  • कई लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाई।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि अगले 21 सितंबर तक उत्तराखंड में तेज बारिश होने की संभावना है।

  • देहरादून, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल और चंपावत में विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है।
  • पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है।

सुरक्षा के लिए जरूरी सावधानियां

प्रशासन और मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि:

  • नदियों और झरनों के पास न जाएं।
  • पर्वतीय इलाकों में अनावश्यक यात्रा से बचें।
  • बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर सुरक्षित रखें।

नुकसान का प्रारंभिक आंकलन

बादल फटने से हुए नुकसान का अभी पूरा आकलन नहीं हो पाया है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार—

  • कई करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
  • 2-3 बड़े होटल और 7-8 दुकानें पूरी तरह ध्वस्त हो गईं।
  • कृषि भूमि और स्थानीय व्यवसायों को भी भारी क्षति हुई है।

प्राकृतिक आपदाओं से सीख

Dehradunऔर मसूरी जैसे संवेदनशील पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बारिश और बादल फटने की घटनाएं जलवायु परिवर्तन का संकेत हैं।

  • विशेषज्ञों का मानना है कि अनियंत्रित निर्माण और वनों की कटाई इस तरह की आपदाओं को बढ़ावा दे रहे हैं।
  • सरकार और स्थानीय प्रशासन को सतत विकास और आपदा प्रबंधन की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

निष्कर्ष

Dehradun Cloudburst की यह घटना बताती है कि प्रकृति के सामने मानव निर्मित संरचनाएं कितनी असुरक्षित हैं।

  • Sahastradhara क्षेत्र में बादल फटने से हुई तबाही और Shivling Submerged की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं।
  • भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचने के लिए सरकार, प्रशासन और आम नागरिकों को मिलकर सतर्क और तैयार रहने की आवश्यकता है।

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