🔷 प्रस्तावना
पिछले कुछ वर्षों में एक चिंताजनक चलन सामने आया है — युवा और स्वस्थ नजर आने वाले लोग अचानक दिल का दौरा पड़ने से अपनी जान गंवा रहे हैं। इस विषय पर चर्चा के केंद्र में रहा है कोरोना वैक्सीन।
लेकिन हाल ही में ICMR और AIIMS द्वारा 19 राज्यों में की गई स्टडी ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी मौतों का सीधा संबंध वैक्सीन से नहीं है, बल्कि हमारी खुद की जीवनशैली, आदतें और स्वास्थ्य की अनदेखी इसके प्रमुख कारण हैं।

🔍 स्टडी की मुख्य बातें: दोषी जीवनशैली, नहीं वैक्सीन
ICMR और AIIMS की रिपोर्ट के अनुसार, 18 से 45 वर्ष की उम्र के बीच जिन लोगों की अचानक मौत हुई, उनमें से अधिकांश को पहले से कोई न कोई स्वास्थ्य समस्या थी — जैसे:
- मोटापा
- हाई ब्लड प्रेशर
- डायबिटीज़
- शराब या तंबाकू की लत
- मानसिक तनाव
स्टडी में यह साफ तौर पर कहा गया कि कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है, और इन मौतों में इसका कोई सीधा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है।
📌 कर्नाटक में चिंता का विषय: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पहल
यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में यह आशंका जताई थी कि कोरोना वैक्सीन को जल्दबाज़ी में दी गई मंज़ूरी और उसका वितरण युवाओं की अचानक मौतों से जुड़ा हो सकता है।
उन्होंने कर्नाटक के हासन ज़िले का उदाहरण देते हुए बताया कि पिछले 40 दिनों में 22 युवाओं की हार्ट अटैक से मौत हुई है, जो कि चिंता का विषय है।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने वैक्सीन के संभावित साइड इफेक्ट्स की जाँच के लिए एक पैनल के गठन का आदेश भी दिया है।
❗ असली कारण: हमारी जीवनशैली की खामियाँ
☑️ तनाव और नींद की कमी
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव और नींद का अभाव सबसे बड़ी समस्या बन चुके हैं, जो सीधे दिल पर असर डालते हैं।
☑️ नशे की आदतें
शराब, सिगरेट और अन्य नशों की लत दिल और फेफड़ों को कमजोर करती है और अचानक मौत का खतरा बढ़ा देती है।
☑️ फिटनेस और खानपान की अनदेखी
बाहर का तला-भुना खाना, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और मोटापा आज हर घर की समस्या बन चुकी है।
✅ सावधानी और समाधान
- साल में एक बार हेल्थ चेकअप जरूर कराएं
- नशे से दूरी बनाए रखें
- संतुलित भोजन और योग-व्यायाम को अपनाएं
- तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन और सामाजिक संवाद रखें
- 7-8 घंटे की नींद को प्राथमिकता दें
🔚 निष्कर्ष: सुधार की शुरुआत खुद से
यह समय है अफवाहों पर ध्यान देने की बजाय तथ्यों और वैज्ञानिक रिसर्च को समझने का।
कोरोना वैक्सीन नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली ही सबसे बड़ा खतरा बन रही है।
हमें अपनी आदतें बदलनी होंगी —
क्योंकि स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है।