बिना सुई चुभाए सांस से पता चलेगा शरीर में शुगर लेवल – डायबिटीज जांच का नया तरीका

बालाघाट की छात्रा अभिलाषा ने शुगर ब्रीद एसीटोन 3.0 नामक यंत्र बनाया।

कैसे करता है यह डिवाइस काम?

यह यंत्र सांस में मौजूद किटोन बॉडीज का विश्लेषण कर शरीर में शुगर के स्तर को बताता है। शुगर बढ़ने पर कीटोन बॉडीज अधिक बनने लगती है फूंक मारने पर यह पदार्थ सांस के जरिए यंत्र में पहुंचता है और यंत्र विश्लेषण कर शुगर का स्तर बताता है। यह यंत्र तीन श्रेणी में शुगर के स्तर की रीडिंग करता है लो लेवल यानी कम शुगर, मॉडरेट यानी सामान्य और हाई शुगर लेवल। इस यंत्र को पेटेंट मिल गया है।

इस तकनीक के फायदे:-

  • बिना दर्द के जांच – सुई या खून की जरूरत नहीं।
  • जल्दी और आसान प्रक्रिया – घर बैठे खुद जांच की जा सकती है।
  • बच्चों और बुजुर्गों के लिए उपयुक्त – बार-बार खून निकालने की परेशानी नहीं।
  • किफायती और सुरक्षित – समय और पैसे दोनों की बचत।

कब आएगा यह डिवाइस बाजार में?

अभी यह तकनीक कुछ देशों में ट्रायल और क्लिनिकल परीक्षण के चरण में है। कई कंपनियां और स्टार्टअप इस दिशा में काम कर रहे हैं। जैसे ही यह तकनीक पूरी तरह से प्रमाणित होगी, भारत जैसे देशों में भी इसका बड़े पैमाने पर उपयोग शुरू हो जाएगा।

भविष्य की झलक

यह तकनीक न केवल डायबिटीज मरीजों के लिए वरदान साबित होगी, बल्कि स्वास्थ्य जांच के पूरे तरीके को ही बदल देगी। आने वाले समय में यह उम्मीद की जा रही है कि सांस के ज़रिए अन्य बीमारियों की जांच भी संभव होगी — जैसे फेफड़ों की बीमारी, कैंसर और लिवर की समस्या।

निष्कर्ष

“सांस से शुगर लेवल जांचना” सुनने में जितना अनोखा लगता है, उतना ही क्रांतिकारी भी है। यह नई खोज डायबिटीज के मरीजों के जीवन को आसान बनाएगी और स्वास्थ्य जांच की दुनिया में एक बड़ा बदलाव लेकर आएगी।

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