पिता: वो छांव जो हमेशा सिर पर रहती है
बचपन में पिता का साथ: छाया नहीं, शक्ति बचपन में जब हम पहली बार गिरते हैं और रोने लगते हैं, तब माँ हमें गोद में उठा लेती है, लेकिन पिता… वो थोड़ी दूर खड़े रहकर मुस्कुराते हैं और कहते हैं – “उठ जा बेटा, तू गिरने के लिए नहीं बना।”ये बात हम उस वक्त नहीं … Read more