Free Computer Course: अनाथ एवं असहाय बच्चों के लिए उज्जवल एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी की 5 सराहनीय पहल – राजस्थान Computer सेंटर, खाजूवाला [Bikaner]

डिजिटल युग में शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रही है। आज Computer ज्ञान एक ऐसी कुंजी बन चुका है, जो भविष्य के हर दरवाजे को खोल सकता है। इसी सोच के साथ राजस्थान Computer सेंटर, खाजूवाला ने “अनाथ एवं असहाय बच्चों के लिए निशुल्क Computer Course की शुरुआत की है।
यह पहल उज्जवल एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य है – उन बच्चों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ना, जो आर्थिक या पारिवारिक रूप से कमजोर हैं।


संस्थान की पहल – समाज के लिए एक प्रेरक कदम

Free Computer Course: अनाथ एवं असहाय बच्चों के लिए उज्जवल एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी की 5 सराहनीय पहल – राजस्थान कंप्यूटर सेंटर, खाजूवाला [Bikaner]
Free Computer Course: अनाथ एवं असहाय बच्चों के लिए उज्जवल एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी की 5 सराहनीय पहल – राजस्थान कंप्यूटर सेंटर, खाजूवाला [Bikaner]

राजस्थान Computer सेंटर के निदेशक ने बताया कि जिन बच्चों के माता-पिता नहीं हैं या केवल एक ही अभिभावक हैं, ऐसे बच्चों को बिना किसी शुल्क के Computer शिक्षा दी जाएगी।
साथ ही प्रवेश के दौरान इन्हें प्राथमिकता दी जाएगी ताकि उन्हें तकनीकी ज्ञान का अवसर मिल सके।

यह कदम क्यों जरूरी है?

ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में ऐसे कई बच्चे हैं जिनके पास शिक्षा के संसाधन सीमित हैं।
सरकारी योजनाओं के बावजूद डिजिटल शिक्षा तक पहुँचना अब भी कठिन है।
ऐसे में यह पहल एक नई उम्मीद की किरण के रूप में उभरी है, जो बच्चों को न केवल शिक्षित करेगी बल्कि उन्हें रोज़गार के अवसरों से भी जोड़ेगी।


प्रशिक्षण की संरचना

संस्थान ने इस कार्यक्रम को व्यावहारिक रूप में तैयार किया है ताकि विद्यार्थी वास्तविक जीवन में इसका उपयोग कर सकें।
प्रशिक्षण के दौरान बच्चों को निम्नलिखित विषय सिखाए जाएंगे:

🔹 बेसिक Computer Course

इसमें विद्यार्थियों को Computer के भागों, ऑपरेटिंग सिस्टम, विंडोज़ इंटरफेस और फ़ाइल प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी।

🔹 इंटरनेट और ई-मेल का उपयोग

आज के युग में इंटरनेट सबसे बड़ी शक्ति है। बच्चों को सर्च इंजन, ई-मेल, ऑनलाइन फॉर्म भरना, और डिजिटल सुरक्षा के नियम सिखाए जाएंगे।

🔹 हिंदी और अंग्रेज़ी टाइपिंग

सरकारी एवं निजी क्षेत्र में डाटा एंट्री या ऑफिस असिस्टेंट जैसे पदों के लिए टाइपिंग बेहद महत्वपूर्ण है।
इसलिए इस कोर्स में टाइपिंग अभ्यास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

🔹 डाटा एंट्री एवं माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस

MS Word, Excel, PowerPoint जैसे प्रोग्राम्स पर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि विद्यार्थी भविष्य में किसी भी जॉब प्रोफाइल के लिए तैयार रहें।

🔹 डिजिटल कार्य और प्रमाणपत्र

प्रशिक्षण पूरा करने के बाद विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा और उन्हें रोजगार से जोड़ने का भी प्रयास किया जाएगा।


🎯 उद्देश्य और लक्ष्य

1. असहाय बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना

यह पहल इन बच्चों को शिक्षा और कौशल दोनों का संगम प्रदान करती है ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

2. डिजिटल इंडिया मिशन में योगदान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “डिजिटल इंडिया” अभियान को मजबूती देने के लिए यह पहल एक स्थानीय स्तर पर बड़ा योगदान है।

3. शिक्षा के माध्यम से समाज में समानता

जब हर बच्चा डिजिटल ज्ञान से सशक्त होगा, तभी समाज में असमानता की खाई कम होगी।


लाभार्थी बच्चों की कहानी

कई ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया, लेकिन अब इस पहल की वजह से उन्हें नई दिशा मिल रही है।

रीना की प्रेरक कहानी

रीना, जो 14 साल की है और बचपन में माता-पिता को खो चुकी, अब इस सेंटर में बेसिक कंप्यूटर कोर्स कर रही है।
वह कहती है – “पहले मुझे लगता था कि कंप्यूटर मेरे बस की बात नहीं, लेकिन अब मैं खुद सर्टिफिकेट पाने वाली हूँ।”

मनोज की नई राह

मनोज के पिता के निधन के बाद घर की जिम्मेदारी उसकी माँ पर आ गई।
लेकिन निशुल्क कोर्स की मदद से अब मनोज डाटा एंट्री सीखकर अपनी माँ की मदद कर रहा है।


समाज की भागीदारी

उज्जवल एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी ने सभी समाजसेवियों, एनजीओ और आम नागरिकों से आग्रह किया है कि वे इस पहल से जुड़ें।
संस्थान के निदेशक ने कहा –

“हमारा लक्ष्य सिर्फ शिक्षा देना नहीं, बल्कि इन बच्चों को भविष्य की दिशा दिखाना है।
अगर समाज का हर व्यक्ति एक बच्चे की मदद करे तो भारत डिजिटल और शिक्षित दोनों बन सकता है।”

दान और सहयोग कैसे करें

  • कोई भी व्यक्ति पुराने Computer , कीबोर्ड, माउस आदि दान कर सकता है।
  • आर्थिक सहायता देकर बच्चों की शिक्षा को प्रोत्साहन दे सकता है।
  • वॉलंटियर के रूप में समय देकर प्रशिक्षण में मदद कर सकता है।

रोजगार से जुड़ाव और भविष्य की दिशा

प्रशिक्षण के बाद संस्थान की योजना है कि बच्चों को स्थानीय कंपनियों, साइबर कैफे, और सरकारी परियोजनाओं से जोड़ा जाए।
इससे उन्हें रोजगार या पार्ट-टाइम वर्क का अवसर मिलेगा।
कई बार ऐसे कोर्स विद्यार्थियों के लिए पहली नौकरी की सीढ़ी साबित होते हैं।

स्किल-डेवलपमेंट से रोजगार की ओर

आज के डिजिटल युग में सबसे ज्यादा नौकरियां Computer बेस्ड हैं।
डेटा एंट्री, कंटेंट क्रिएशन, डिजिटल मार्केटिंग, और ऑनलाइन कस्टमर सर्विस जैसे क्षेत्रों में स्किल्ड युवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है।


खाजूवाला से शुरू होकर पूरे राजस्थान तक

यह पहल सिर्फ खाजूवाला तक सीमित नहीं रहेगी। उज्जवल सोसाइटी की योजना है कि आने वाले महीनों में इसे बीकानेर, हनुमानगढ़ और जोधपुर जैसे जिलों तक भी विस्तार दिया जाए।
राज्य के विभिन्न कोनों में इस तरह के डिजिटल प्रशिक्षण केंद्र खोलने से हजारों बच्चों का भविष्य बदल सकता है।


निष्कर्ष

उज्जवल एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी की यह पहल न सिर्फ एक सामाजिक कार्य है, बल्कि यह एक डिजिटल क्रांति की शुरुआत भी है।
अनाथ और असहाय बच्चों को Computer शिक्षा से जोड़ना, उन्हें रोजगार के अवसर देना और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ाना— यही इस अभियान का असली उद्देश्य है।

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