हरियाणा और पंजाब के कई जिलों में इस समय बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। Ghaggar नदी (Ghaggar River) में 5244 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर 93 जीबी से ऊपर चला गया है। इसका सीधा असर सीमावर्ती इलाकों पर पड़ रहा है। किसानों की फसलें डूबने का खतरा है और प्रशासन लगातार एडवाइजरी जारी कर रहा है।
Ghaggar River Flood Update – Latest Water Levels

5244 Cusec Water Released
Ghaggar नदी में छोड़े गए 5244 Cusec पानी ने कई इलाकों को अलर्ट पर ला दिया है। यह पानी हरियाणा-पंजाब बॉर्डर से गुजरते हुए राजस्थान के इलाकों को भी प्रभावित कर सकता है।
- Water Flow: 5244 Cusec
- Barrier Level: 93 GB पार
- Most Affected Areas: सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला, हनुमानगढ़
Flood Entry in Border Areas
आज से Ghaggar नदी का पानी बॉर्डर इलाकों में प्रवेश कर रहा है, जिससे गाँवों और खेतों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।
Farmers on High Alert
खेतों और बांधों की सुरक्षा
किसानों ने अपने खेतों को बचाने के लिए कई कदम उठाए हैं:
- मिट्टी और रेत की बोरियों से बांध मजबूत किए जा रहे हैं।
- नालों की सफाई और मरम्मत का काम लगातार जारी है।
- फसलों को काटकर सुरक्षित स्थान पर रखने का प्रयास हो रहा है।
किसान क्या कह रहे हैं?
किसान रामलाल, गाँव अनूपगढ़ (हनुमानगढ़) के अनुसार –
“हर साल बाढ़ से नुकसान होता है। इस बार हमने समय रहते पशुओं और अनाज को ऊँचे स्थान पर पहुँचाया है, लेकिन अगर पानी और बढ़ा तो सब डूब जाएगा।”
District-wise Impact of Flood
Haryana Districts Impacted
अंबाला – नहरों का जलस्तर बढ़ने से गाँवों में पानी भरने लगा है। है। कई सड़कें डूबीं।
सिरसा –Ghaggar नदी का पानी गाँवों में घुसने लगा है। कई सड़कें डूबीं।
फतेहाबाद – खेतों में कपास और बाजरे की फसल डूबने का खतरा।
Punjab Districts Impacted
- पटियाला – कई गाँवों में पानी घुस गया है।
- संगरूर – बाढ़ के कारण पशुपालन पर असर।
- मानसा – खेतों में लगी धान की फसल डूबने का खतरा।
Rajasthan Districts Impacted
- हनुमानगढ़ –Ghaggarनदी के पानी से गाँव जलमग्न।
- श्रीगंगानगर – निचले इलाकों में पानी भर गया है।
Flood Data & Statistics
पिछले 10 वर्षों की बाढ़ तुलना
Year | Maximum Water Release (Cusec) | प्रभावित गांव | मौतें | राहत कैंप |
---|---|---|---|---|
2015 | 3800 | 120 | 08 | 12 |
2018 | 4500 | 200 | 14 | 20 |
2020 | 5100 | 350 | 22 | 30 |
2023 | 4900 | 270 | 15 | 25 |
2025 | 5244 | अनुमानित 400+ | Update जारी | TBD |
Climate Change & Floods
क्यों बढ़ रही हैं बाढ़ की घटनाएँ?
- अनियंत्रित अतिक्रमण और कंक्रीट निर्माण
- जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से अनियमित बारिश
- नालों और नहरों की सफाई की कमी
- भूजल स्तर में असंतुलन
Climate Impact
IPCC रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर भारत में आने वाले वर्षों में बाढ़ और सूखे की घटनाएँ बढ़ सकती हैं।
Government & Administration Response
प्रशासनिक कदम
- SDM और तहसीलदार लगातार निरीक्षण कर रहे हैं।
- 24 घंटे कर्मचारी बांधों की निगरानी कर रहे हैं।
- पुलों और नहरों पर मिट्टी से भरे बोरे रखे जा रहे हैं।
राहत कार्य
- NDRF और SDRF की टीमें तैनात की गई हैं।
- हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
- दवाइयों और भोजन के पैकेट पहुँचाए जा रहे हैं।
Safety Tips for People
ग्रामीणों और किसानों के लिए सुझाव
- खेतों के पास अस्थायी घर खाली करें।
- बच्चों और पशुओं को ऊँचाई पर सुरक्षित रखें।
- बिजली के खंभों और तारों से दूरी बनाएँ।
- मोबाइल चार्ज और बैकअप टॉर्च रखें।
- प्रशासनिक हेल्पलाइन पर अपडेट लेते रहें।
हेल्पलाइन नंबर
- Disaster Helpline: 1070
- Local Administration: 01509-220438
Social Media & Awareness
सोशल मीडिया की भूमिका
लोगों ने ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर बाढ़ की तस्वीरें साझा की हैं। इससे प्रशासन तक तुरंत सूचना पहुँच रही है।
Online Campaigns
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Conclusion – Ghaggar River Flood Alert 2025
Ghaggar River Flood Update 2025 ने एक बार फिर से दिखा दिया कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने इंसान की तैयारी कितनी महत्वपूर्ण है।
5244 Cusec पानी छोड़े जाने के बाद, हरियाणा-पंजाब-राजस्थान के किसानों और ग्रामीणों को अलर्ट रहना होगा।
यह केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि Climate Change का परिणाम भी है। प्रशासन और नागरिकों को मिलकर ही इस चुनौती का सामना करना होगा।
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