Nepal Social Media Ban Protest 2025 – हिंसा की असली वजह क्या?
Nepal में हाल ही में हुए युवा प्रदर्शनों (Youth Protests in Nepal 2025) ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकार द्वारा लगाए गए बैन ने न सिर्फ़ छात्रों और युवाओं को सड़क पर उतारा बल्कि सरकार को भी हिला दिया। सवाल ये है कि क्या सिर्फ़ सोशल मीडिया से कमाई (Earning from Social Media) का जरिया बंद होना ही हिंसा की वजह था या इसके पीछे और भी गहरी बातें छिपी हैं?

Nepal सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन क्यों लगाया?
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Nepal सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने यह शर्त रखी थी कि सभी सोशल मीडिया कंपनियां (Facebook, Instagram, YouTube, X, LinkedIn आदि) स्थानीय स्तर पर पंजीकरण (Registration) कराएं।
- नवंबर 2023 से अब तक सरकार ने पाँच बार नोटिस जारी किए।
- कंपनियों को बार-बार समय सीमा दी गई लेकिन मेटा (Meta) और अन्य कंपनियों ने अनदेखी की।
- 28 अगस्त को सरकार ने सात दिन का अल्टीमेटम दिया।
- समयसीमा पूरी होते ही बैन लगा दिया गया।
किन-किन प्लेटफॉर्म पर बैन लगा?
प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म:
- Facebook, Messenger, Instagram, X (Twitter), LinkedIn, Reddit, Threads, YouTube, Snapchat, Pinterest, Signal, Clubhouse, Rumble
जो पहले से पंजीकृत थे और चल रहे हैं:
- TikTok, Viber, Witk, Nimbuzz, Popo Live
Nepal Digital Economy पर असर
सोशल मीडिया सिर्फ़ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि युवाओं के लिए कमाई का जरिया (Digital Earnings) भी है।
- Facebook और YouTube पर हाल ही में Monetization Programs शुरू हुए थे।
- Nepal में हजारों creators Reels, Shorts और Videos के ज़रिए कमाई कर रहे थे।
- बैन के बाद उनकी income अचानक रुक गई।
Digital Economy Impact
- Online Marketing Agencies प्रभावित
- Small Businesses का विज्ञापन रुक गया
- Influencers और Content Creators की आय बाधित
- Freelancers को काम में दिक़्क़त
प्रदर्शन के पीछे कौन?
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस आंदोलन को NGO हामी नेपाल (Hami Nepal) ने हवा दी।
- Instagram और Discord पर वीडियो व मैसेज के ज़रिए छात्रों को इकट्ठा किया गया।
- छात्रों से कहा गया कि वे किताबें और कॉलेज बैग लेकर आएं ताकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण लगे।
- “Youths Against Corruption” बैनर भी वहीं से जारी हुआ।
Students Protest Strategy
- स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर आना
- सोशल मीडिया पर लाइव जाकर विरोध दिखाना
- सरकारी फैसले के खिलाफ़ नारेबाज़ी करना
क्या सिर्फ़ Social Media Earnings ही वजह है?
युवाओं का गुस्सा केवल कमाई रुकने की वजह से नहीं था। इसके पीछे कई सामाजिक और राजनीतिक कारण भी छिपे हैं:
- Freedom of Expression – युवाओं का मानना है कि सरकार उनकी आवाज़ दबा रही है।
- Corruption Issue – Protest में “Youths Against Corruption” का नारा प्रमुख रहा।
- Economic Crisis – Nepal पहले से ही बेरोज़गारी और आर्थिक मंदी से जूझ रहा है।
- Digital Lifestyle Impact – सोशल मीडिया युवाओं की पढ़ाई, कमाई और पहचान से जुड़ा है।
Nepal सरकार की मुश्किलें
सरकार के लिए यह फैसला उल्टा पड़ गया।
- International Criticism – Human Rights groups और Digital Rights activists ने विरोध किया।
- Tourism Impact – नेपाल की global image पर असर पड़ा।
- Political Pressure – विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया।
आगे का रास्ता क्या?
Solutions for Nepal
- सरकार को Social Media Companies से बातचीत करनी होगी।
- Transparent Policy लाना ज़रूरी है।
- Digital Economy को बचाने के लिए Alternative Platforms को बढ़ावा देना होगा।
- Students और NGOs से संवाद बनाना होगा।
नतीजा
नेपाल में हिंसक प्रदर्शन यह साबित करते हैं कि सोशल मीडिया आज सिर्फ़ मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि युवाओं की रोज़मर्रा की ज़िंदगी और आय का अहम हिस्सा है।
सरकार को अब यह समझना होगा कि डिजिटल युग में Freedom of Speech और Digital Economy दोनों को संतुलित करना बेहद ज़रूरी है।
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