Nepal Gen Z Protest – काठमांडू में सामाजिक अशांति और राजनीतिक उथल-पुथल
Nepal में Gen Z Protest के चलते सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। पीएम केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया, जबकि राष्ट्रपति और पीएम के आवास में आगजनी की घटनाएं हुईं। काठमांडू से हवाई सेवा भी अस्थायी रूप से बंद कर दी गई।
Nepal में सोशल मीडिया बैन और Gen Z का विरोध – कारण और आरंभिक घटनाक्रम
यह भी पढ़ें: Nepal Social Media Ban ने भड़काई हिंसा: सोशल मीडिया से कमाई का जरिया बाधित होने से तो उग्र नहीं हुए युवा – जानिए नाराज़ युवाओं की 7 बड़ी वजह
सोशल मीडिया बैन – क्या था विवाद?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध का निर्णय Nepal सरकार द्वारा कुछ वेबसाइट्स और एप्स को अस्थायी रूप से बंद करने के रूप में लिया गया था। इसका उद्देश्य गलत सूचनाओं और अफवाहों को रोकना था। लेकिन युवा पीढ़ी, जिसे जनरेशन Z के नाम से जाना जाता है, ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना।
विरोध की शुरुआत
इस प्रतिबंध के खिलाफ नेपाल के कई शहरों में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। विशेष रूप से काठमांडू में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए, जहां प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी के साथ-साथ सरकारी भवनों पर पथराव और आगजनी की। युवा पीढ़ी का मुख्य आरोप था कि सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है और अपनी तानाशाही प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रही है।
Gen Z Protest Nepal का महत्व

जनरेशन Z, जिसे डिजिटल युग की पीढ़ी कहा जाता है, सामाजिक मीडिया पर अपनी बात रखने और व्यापक जनमत बनाने में सक्षम है। Nepal Gen Z Protest का उद्देश्य केवल सोशल मीडिया की आज़ादी की रक्षा नहीं था, बल्कि यह भ्रष्टाचार और सरकारी दमन के खिलाफ आवाज उठाना भी था। यह आंदोलन युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने के लिए एक निर्णायक कदम बन गया।
पीएम केपी शर्मा ओली का इस्तीफा – एक बड़ा राजनीतिक मोड़
इस्तीफे का ऐलान
09 सितंबर 2025 को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस कदम के पीछे मुख्य वजह देश में बढ़ता असंतोष, लगातार हो रहे प्रदर्शन और गंभीर हिंसा थी। उन्होंने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी, ताकि सभी राजनीतिक दल मिलकर समाधान निकाल सकें। लेकिन हालात नियंत्रण से बाहर होते गए।
जनता की प्रतिक्रिया
पीएम के इस्तीफे पर देशभर में खुशियों की लहर दौड़ गई। काठमांडू में प्रदर्शनकारी उत्साहित थे और उन्होंने इसे सरकार की हार बताया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह कदम लोकतंत्र की जीत है। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना था कि यह स्थिति नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता को और अधिक बढ़ा सकती है।
हिंसा और आगजनी – घटनाओं की श्रृंखला
संसद भवन और मंत्री आवास पर हमले
प्रदर्शनकारियों ने सिर्फ सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ नहीं, बल्कि व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज उठाई। संसद भवन में तोड़फोड़ के बाद आगजनी की गई। इसके साथ ही कई मंत्रियों के घरों में भी आग लगा दी गई।
प्रमुख घटनाएं:
- प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के आवास में आगजनी।
- सूचना एवं प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के आवास में आग।
- पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड के घर के बाहर पुलिस चौकी में आग।
- ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का के आवास में तोड़फोड़।
- कृषि एवं पशुधन विकास मंत्री रामनाथ अधिकारी का इस्तीफा।
- स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल का इस्तीफा।
त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर प्रभाव
वायु सेवा भी अस्थायी रूप से बाधित हो गई। त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर धुएं के गुबार के कारण दोपहर 12:45 बजे से सभी उड़ानें रोक दी गईं। सुरक्षा कारणों से बुद्ध एयर समेत सभी घरेलू एयरलाइनों ने उड़ानें रद्द कर दीं। इसके कारण देश का आवागमन भी प्रभावित हुआ।
International Alert – भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी
भारत सरकार ने नेपाल में स्थिति को देखते हुए अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की। उन्होंने बताया कि नेपाल में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू है और सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
सरकार का बयान
विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे नेपाल Protest Live घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई कि वे नेपाल में संयम बनाकर रहें और किसी भी तरह की अशांति में न फंसें। साथ ही सरकार ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
साहित्य महोत्सव स्थगित – सांस्कृतिक कार्यक्रम पर असर
काठमांडू कलिंग साहित्य महोत्सव, जो भारतीय और नेपाली लेखकों के बीच साहित्यिक संवाद को बढ़ावा देने वाला था, अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया। आयोजकों ने बताया कि इस समय यह आयोजन करना उचित नहीं रहेगा। 60 से ज्यादा भारतीय और 200 नेपाली लेखक इस महोत्सव में शामिल होने वाले थे। नया कार्यक्रम फरवरी 2026 में आयोजित किया जाएगा।
भविष्य की संभावनाएं और समाधान के रास्ते
राजनीतिक समाधान की दिशा में कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल में स्थायी समाधान तभी संभव है जब सरकार और जनरेशन Z के बीच संवाद स्थापित किया जाए। सरकार को युवाओं की मांगों को गंभीरता से सुनना होगा और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करनी होगी। Nepal Gen Z Protest Updates, Kathmandu Social Media Ban News के साथ ही भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के उपायों पर भी ध्यान देना जरूरी है।
क्या हो सकता है भविष्य में?
- लोकतांत्रिक सुधार की दिशा में कदम।
- सोशल मीडिया पर सरकारी नियंत्रण में संतुलन।
- युवाओं को शामिल कर सशक्त नागरिक समाज की स्थापना।
- सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण और जवाबदेही का सुधार।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि नेपाल सरकार तत्काल प्रभाव से सुधारात्मक कदम नहीं उठाएगी, तो देश में लोकतंत्र की बजाय अधिनायकवाद का उदय हो सकता है। जनरेशन Z अपने भविष्य के लिए लड़ रहा है और यह आंदोलन केवल सोशल मीडिया बैन के खिलाफ नहीं, बल्कि देश में भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ भी है।
निष्कर्ष
नेपाल में Gen Z Protest Nepal ने साबित कर दिया कि युवा पीढ़ी की आवाज़ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफा इस आंदोलन की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है। लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या सरकार वाकई में जनादेश को समझेगी और लोकतंत्र की मर्यादा को बहाल करेगी।
Nepal Protest Live घटनाक्रम लगातार बदल रहे हैं और हर अपडेट महत्वपूर्ण हो गया है। भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि नेपाल में स्थायी शांति बनी रहे।
यह भी पढ़ें: Nepal: सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सड़कों पर युवाओं का उग्र प्रदर्शन, संसद भवन तक पहुँचे प्रदर्शनकारी, पुलिस कार्रवाई से घायल हुए 25+ लोग
WhatsApp Channel