Nepal में जारी विरोध प्रदर्शनों ने देश की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को हिला कर रख दिया है। सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन अब इतना व्यापक हो गया है कि संसद, सुप्रीम कोर्ट और कई सरकारी भवन आगजनी की चपेट में आ गए हैं। हालात बेकाबू होने के कारण भारत समेत कई देशों ने चिंता जताई है और हवाई सेवाओं पर रोक लगा दी गई है।
Air India और अन्य एयरलाइंस ने उड़ानें रद्द कीं
Air India के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि 10 सितंबर 2025 को काठमांडू आने-जाने वाली सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, क्योंकि एयरपोर्ट अभी भी बंद है। इंडिगो और Nepal एयरलाइंस ने भी इसी तरह की घोषणा की है। एयरलाइंस ने कहा है कि स्थिति सामान्य होने पर नई उड़ान योजनाओं की जानकारी साझा की जाएगी।
नेपाल में उग्र प्रदर्शन और आगजनी
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- प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रियों के घरों को आग लगा दी।
- संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और हिल्टन होटल समेत कई बड़े प्रतिष्ठानों को आगजनी से भारी नुकसान हुआ।
- पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनल के घर में आगजनी के दौरान उनकी पत्नी की मौत हो गई।
- जेलों में बगावत हुई और कई कैदी भाग निकले, जिन्हें बाद में सेना और SSB ने पकड़ लिया।
भारत और राज्यों की प्रतिक्रिया
- भारत सरकार ने Nepal सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है, खासकर बिहार के रक्सौल और उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर इलाके में।
- कर्नाटक और आंध्र प्रदेश सरकारों ने Nepal में फंसे नागरिकों की सूची तैयार की है और उनकी सुरक्षित वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने Nepal में फंसे पर्यटकों को धैर्य रखने की अपील की है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने Nepal में हिंसा और जानमाल के नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अधिकारियों से संयम बरतने, मानवाधिकार कानूनों का पालन करने और शांतिपूर्ण तरीके से समाधान खोजने की अपील की।
कर्फ्यू और सेना की तैनाती

- नेपाली सेना ने पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया है, जो फिलहाल गुरुवार सुबह तक प्रभावी रहेगा।
- पुलिस ज्यादातर इलाकों से हट चुकी है, जिससे सेना को नियंत्रण अपने हाथ में लेना पड़ा।
- सेना का कहना है कि हालात की समीक्षा के बाद कर्फ्यू को आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
निष्कर्ष
नेपाल में यह आंदोलन केवल सोशल मीडिया बैन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह राजनीतिक असंतोष और भ्रष्टाचार विरोध की जड़ों तक फैल चुका है। संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट और यहां तक कि जेलों तक आगजनी और हिंसा ने नेपाल की स्थिति को बेहद नाजुक बना दिया है।
भारत और अन्य देशों के लिए मुख्य चिंता अपने नागरिकों की सुरक्षा और नेपाल की स्थिरता है। आने वाले कुछ दिनों में यह तय होगा कि यह आंदोलन नेपाल की राजनीति में नई व्यवस्था की शुरुआत करेगा या और गहरी उथल-पुथल पैदा करेगा।