“स्कूलों में फर्जीवाड़ा: शिक्षा का मज़ाक या बच्चों के भविष्य से खिलवाड़?”

प्रस्तावनाशिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो न सिर्फ ज्ञान का विस्तार करती है, बल्कि व्यक्तित्व को निखारकर समाज के निर्माण में योगदान देती है। लेकिन जब इसी शिक्षा व्यवस्था में भ्रष्टाचार और हेराफेरी घुस जाए, तो न केवल बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ता है, बल्कि पूरे समाज की जड़ें भी हिल जाती हैं। हाल … Read more

🌸 लाड़ो प्रोत्साहन योजना: बेटियों को मिला हक और सम्मान

👶 बेटी – घर की रौनक, समाज की धरोहर बेटियां हमेशा से हमारे समाज की आत्मा रही हैं, लेकिन लंबे समय तक उन्हें उचित अधिकार और संसाधन नहीं मिल पाए। अब समय बदल रहा है — बेटियों को बचपन से ही आर्थिक, सामाजिक और भावनात्मक शक्ति देने की दिशा में सरकारें जागरूक हुई हैं। इसी … Read more

Jaipur update 🌟 सफाई को बनाएं आदत: जब 7000 सफाईकर्मी बदल सकते हैं सूरत, तो हम क्यों नहीं?

🧹 हमारे साफ़ शहर के पीछे कौन है? आइए जानें असली नायकों को! क्या आपने कभी यह सोचा है कि सुबह की सड़कें इतनी साफ क्यों दिखती हैं? कौन है जो हर गली, हर नुक्कड़ को चमकाता है? इसका श्रेय उन हजारों सफाईकर्मियों को जाता है जो बिना थके, बिना रुके इस मिशन में जुटे … Read more

Today Jaipur update “सड़कों पर सुरक्षा की नई पहल: हादसों वाले प्वाइंट सुधारे जाएंगे”

भूमिका:देश के शहरी विकास में यातायात व्यवस्था की अहम भूमिका होती है। परंतु जब यही यातायात अव्यवस्था और लापरवाही का शिकार हो जाए, तो हादसे आम हो जाते हैं। जयपुर नगर निगम की हालिया पहल – हादसों वाले प्वाइंट्स को सुधारने और डिवाइडरों पर जालियां लगाने का कार्य – न सिर्फ एक सकारात्मक कदम है, … Read more

🌟 रामायण: सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन और फाइनेंशियल प्लानिंग की मास्टरक्लास 🌟

प्रस्तावना:जब हम “रामायण” का नाम सुनते हैं, तो हमारे मन में धार्मिकता, मर्यादा, और श्रीराम का आदर्श जीवन चित्रित होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह महान ग्रंथ केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शन ही नहीं, बल्कि एक स्टेटिक (व्यवस्थित) फाइनेंशियल प्लानिंग और प्रैक्टिकल लाइफ स्किल्स की भी शिक्षा देता है? यह ब्लॉग “रामायण” की … Read more

🌡️ बढ़ता तापमान और स्कूलों का खोता समय: डेढ़ साल की पढ़ाई पर असर

परिचय:जलवायु परिवर्तन अब केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं रहा, यह शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों को भी प्रभावित कर रहा है। भारत सहित दक्षिण-पूर्व एशिया में लगातार बढ़ती गर्मी और भीषण मौसम के कारण स्कूलों को लंबे समय तक बंद रखना पड़ता है। इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है — और आंकड़े … Read more

🛡️ हेल्थ कवर के बावजूद आयुष के क्लेम क्यों हो रहे खारिज?

प्रस्तावना: आजकल के दौर में लोग स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) को लेकर पहले से ज़्यादा सजग हो गए हैं। खासकर कोविड के बाद, हेल्थ कवरेज लेना एक ज़रूरत बन गई है। लेकिन जब बीमा होने के बावजूद इलाज का खर्च खुद उठाना पड़े, तो यह बेहद निराशाजनक होता है। ऐसा ही मामला सामने आ रहा … Read more

🌍 नई वैश्विक दौड़: आर्कटिक पर कब्जे की होड़ में अमेरिका, रूस और चीन

🔥 प्रस्तावना: आर्कटिक – अगला वैश्विक रणक्षेत्र धरती के सबसे ठंडे और कठिन क्षेत्र — आर्कटिक — पर अब दुनिया की तीन महाशक्तियाँ अमेरिका, रूस और चीन अपनी पकड़ मजबूत करने की होड़ में लगी हैं। जलवायु परिवर्तन और नई तकनीकों ने इस बर्फीले क्षेत्र को आर्थिक, सामरिक और व्यावसायिक दृष्टि से और भी अधिक … Read more

🧠 “जब बचपन खिलौनों की जगह ट्यूशन बैग उठाने लगा”

भूमिका: बचपन, जिसे कभी मासूमियत, खिलौनों और कल्पनाओं की दुनिया माना जाता था, अब एक ‘प्रदर्शन की दौड़’ बन गया है। बच्चे अब नींद से नहीं, अलार्म से उठते हैं, और दिन भर ट्यूशन, टेस्ट, स्क्रीन और होमवर्क के बीच दौड़ते-भागते रहते हैं। खेलने-कूदने का समय तो जैसे कहीं खो गया है। क्या यही है … Read more

“शराब मुक्त गांव: जनजातीय समाज की नई क्रांति”

✍️ प्रस्तावना:जहाँ एक ओर देश के कई हिस्सों में नशा एक सामाजिक अभिशाप बन चुका है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले के गंगालूर ब्लॉक के 11 जनजातीय गाँवों ने एक ऐतिहासिक और अनुकरणीय कदम उठाया है। इन गाँवों में अब न सिर्फ शराब पीना प्रतिबंधित है, बल्कि उसकी बिक्री भी एक अपराध माना … Read more